Pan-India SIR: देश में अब बिहार की तरह 12 और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में भी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि SIR के दूसरे चरण में वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाएगा, नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे और पुराने रिकॉर्ड में मौजूद गलतियों को सुधारा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में SIR होना है, वहां की मतदाता सूची आज रात 12 बजे से फ्रीज कर दी जाएगी। यानी अब उसमें कोई बदलाव नहीं होगा, जब तक पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
आजादी के बाद 9वीं बार हो रहा बड़ा पुनरीक्षण
सीईसी ने बताया कि आज़ादी के बाद देश में ये नौवीं बार वोटर लिस्ट का बड़ा पुनरीक्षण किया जा रहा है। इससे पहले 1951 से 2004 के बीच आठ बार यह प्रक्रिया की जा चुकी है। राजनीतिक दलों की लगातार शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है ताकि मतदाता सूची में मौजूद त्रुटियों को ठीक किया जा सके।
कल से शुरू होगा दूसरा फेज
दूसरे चरण का SIR कल से शुरू होगा। हर बूथ पर एक बीएलओ (Booth Level Officer) और हर विधानसभा क्षेत्र में एक ईआरओ (Electoral Registration Officer) नियुक्त रहेगा। ईआरओ आमतौर पर एसडीएम स्तर के अधिकारी होंगे।
आज ही सभी मतदाताओं के लिए इन्यूमेरेशन फॉर्म (EF) प्रिंट किए जा रहे हैं। बीएलओ तीन बार तक हर घर जाकर जानकारी जुटाएंगे ताकि कोई नाम छूट न जाए। जो लोग अपने इलाके से बाहर हैं, वे यह फॉर्म ऑनलाइन भी भर सकेंगे। सबसे अच्छी बात यह है कि इस प्रक्रिया के दौरान किसी अतिरिक्त दस्तावेज या फॉर्म की जरूरत नहीं होगी।
किन राज्यों में होगा SIR?
SIR का दूसरा चरण इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगा अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
फाइनल ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।
असम में SIR क्यों नहीं?
असम में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन वहां SIR नहीं कराया जाएगा। इस पर सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि असम में नागरिकता से जुड़े अलग कानून हैं, इसलिए वहां के लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
वहीं पश्चिम बंगाल में SIR को लेकर किसी “गतिरोध” की बात पर उन्होंने साफ कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, चुनाव आयोग और राज्य सरकार दोनों अपने-अपने संवैधानिक दायित्व निभा रहे हैं।
क्या है SIR की प्रक्रिया?
- सबसे पहले इन्यूमेरेशन फॉर्म (EF) तैयार किए जाएंगे।
- जिन राज्यों में SIR चल रहा है, वहां की वोटर लिस्ट आज रात से फ्रीज हो जाएगी।
- इसके बाद BLO घर-घर जाकर फॉर्म देंगे और लोगों की जानकारी जुटाएंगे।
- वे मतदाताओं के नाम और माता-पिता के नाम का मिलान 2003 की वोटर लिस्ट से करेंगे।
- अगर जानकारी मेल खाती है, तो मतदाता को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
क्यों जरूरी है यह प्रक्रिया?
पिछले कुछ सालों में कई जगहों से शिकायतें आईं कि वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट नाम, गलत उम्र, या पता बदलने के बाद भी पुरानी एंट्री जैसी गड़बड़ियां हैं। SIR का मकसद है कि हर योग्य नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में सही तरीके से शामिल हो, और जो लोग अब पात्र नहीं हैं, उनके नाम हटाए जा सकें।
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