PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से 9 जुलाई 2025 तक अपने पिछले दस वर्षों की सबसे लंबी विदेश यात्रा पर रवाना होने जा रहे हैं। इस आठ दिवसीय दौरे में वे घाना, त्रिनिडाड एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया का दौरा करेंगे। यह यात्रा न केवल कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का मौका है, बल्कि यह भारत की उभरती वैश्विक भूमिका को भी दर्शाती है। इस दौरे के दौरान मोदी तीन देशों की संसद को संबोधित करेंगे और ब्रिक्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सक्रिय भागीदारी भी दर्ज करेंगे।
घाना: 30 साल बाद फिर गूंजेगी भारत की आवाज
यात्रा की शुरुआत घाना से होगी, जहां प्रधानमंत्री मोदी 30 वर्षों बाद पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) डाम्मू रवि ने जानकारी दी कि मोदी वहां की संसद को संबोधित करेंगे और लगभग 15,000 की संख्या वाले भारतीय समुदाय से भी बातचीत करेंगे। व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल सहयोग जैसे क्षेत्रों में समझौते किए जाने की उम्मीद है।
त्रिनिडाड एंड टोबैगो: 180 वर्षों के रिश्ते में नई ऊर्जा
दूसरा पड़ाव होगा त्रिनिडाड एंड टोबैगो, जहां मोदी प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर के निमंत्रण पर जा रहे हैं। यह दौरा ऐतिहासिक है क्योंकि 2025 में भारतवंशियों के त्रिनिडाड आगमन के 180 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री वहां की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। विदेश सचिव नीना मल्होत्रा के अनुसार, संसद में मौजूद स्पीकर की कुर्सी भी भारत द्वारा उपहार में दी गई थी, जो दोनों देशों के लोकतांत्रिक रिश्तों की गहराई को दर्शाता है।
अर्जेंटीना: लैटिन अमेरिका में बढ़ते कदम
तीसरे पड़ाव अर्जेंटीना में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष अनुसंधान और रक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों में नए समझौतों पर चर्चा करेंगे। यह भारत के लिए लैटिन अमेरिका में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने और व्यापार के नए अवसर खोजने का सुनहरा मौका होगा।
ब्राज़ील: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का केंद्रबिंदु
दौरे का सबसे अहम पड़ाव ब्राज़ील है, जहां मोदी 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह मंच भारत, ब्राज़ील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे उभरते देशों को एकजुट करता है। इस बार की बैठक में ब्रिक्स विस्तार, वैश्विक व्यापार में सुधार, अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता घटाने, और ब्रिक्स करेंसी की संभावनाओं पर गंभीर चर्चा होगी। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा पर सहयोग के लिए ‘ब्रिक्स एआई टास्क फोर्स’ बनाने का प्रस्ताव भी अहम होगा। सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी नीतियों पर भी साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
नामीबिया: 27 साल बाद रिश्तों को नई दिशा
यात्रा का अंतिम चरण नामीबिया है, जहां प्रधानमंत्री मोदी 27 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में दौरा कर रहे हैं। वे संसद को संबोधित करेंगे, व्यक्तिगत और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठकों में भाग लेंगे और खनिज संपदा, जलवायु संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण जैसे क्षेत्रों में गहन सहयोग पर चर्चा करेंगे। सचिव डाम्मू रवि ने इसे भारत-नामीबिया के लंबे और भरोसेमंद रिश्तों को और मजबूत करने का अवसर बताया।
जनता को क्या मिलेगा इस वैश्विक दौरे से?
यह यात्रा भारत के लिए केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि व्यावसायिक, तकनीकी और सांस्कृतिक लाभों से भरपूर है। इससे भारत की वैश्विक साख बढ़ेगी, नए बाजार खुलेंगे, भारतीय समुदाय को सशक्त समर्थन मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आवाज और मजबूत होगी। इसके अलावा, भारत की लोकतांत्रिक छवि को भी वैश्विक रूप से और मजबूती मिलेगी, क्योंकि तीन देशों की संसद में प्रधानमंत्री का संबोधन भारत की लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाता है।
PM Modi की यह यात्रा एक मजबूत संदेश देती है भारत अब केवल देखने वाला नहीं, दुनिया को दिशा देने वाला राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। यह दौरा बताता है कि भारत अब वैश्विक संवाद में पीछे नहीं, बल्कि विकास, समावेशिता और सहयोग के लिए केंद्र में खड़ा है।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखी गयी है।
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