राजनीति

अपना यूपी

क्राइम

बड़ी खबर

स्पोर्ट्स

वेब स्टोरीज

खबर

QNET fraud scandal: करोड़पति बनाने का सपना दिखाकर युवाओं से करोड़ों ऐंठे, 8 जालसाज धराए

by | Jul 29, 2025 | क्राइम, ट्रेंडिंग, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

QNET fraud scandal: ग्रेटर नोएडा में एक बड़े ऑनलाइन निवेश घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। यह ठगी एक फर्जी मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) कंपनी Qnet/Vihaan के नाम पर की जा रही थी। आरोपी लोगों को अमीर बनने का सपना दिखाकर महंगे गहनों, घड़ियों, सोने और हीरे में निवेश के लिए उकसाते थे। कंपनी में शामिल होने के लिए लोगों से लगभग ₹1.5 लाख की राशि डॉलर या बिटकॉइन के रूप में ली जाती थी, जो कि Google Meet के जरिए दी गई लिंक से जमा कराई जाती थी। इस दौरान आरोपियों ने निवेशकों को महंगे उत्पाद और मोटा मुनाफा मिलने का झांसा दिया। जब निवेशकों को कोई लाभ नहीं मिला और उन्होंने पैसे वापस मांगे, तो उन्हें और पैसा लगाने के लिए कहा गया या धमकाया गया।

पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-1 और सेक्टर-4 स्थित किराए के फ्लैटों में छापेमारी कर इस गिरोह के आठ सदस्यों को पकड़ा। उनके पास से 10 लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन, 5 टैबलेट, 30 एटीएम कार्ड, ₹1 करोड़ का चेक, 4 महंगी घड़ियां और एक स्विफ्ट कार बरामद की गई है। पकड़े गए आरोपियों में पश्चिम बंगाल, झारखंड, गुजरात और पंजाब के निवासी शामिल हैं। कुछ के परिवार सेना से जुड़े हुए हैं, और इसी का फायदा उठाकर ये लोग सेना के कर्मचारियों और उनके जानने वालों को झांसे में लेते थे। ये सभी आरोपी ऑनलाइन मीटिंग्स के ज़रिए एक संगठित तरीके से लोगों को फंसाते थे और उन्हें जल्दी करोड़पति बनने का सपना दिखाते थे।

इस घोटाले की शिकायत सबसे पहले प्रवीण कुमार पाल ने की थी, जिन्होंने बताया कि उनके चचेरे भाई निखिल कुमार पाल से इन लोगों ने कुल ₹7.5 लाख ले लिए। न निवेश पर कोई मुनाफा मिला, न ही कोई उत्पाद। जब पीड़ित ने पैसे वापस मांगे, तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। यह घोटाला केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) पहले से ही Qnet/Vihaan के खिलाफ जांच कर रही है, और राजस्थान व मेघालय में भी इनके खिलाफ मामले दर्ज हैं। Qnet वर्षों से भारत में विवादों के घेरे में रही है और कई बार इसे पोंजी स्कीम का नाम दिया गया है।

Qnet और Vihaan जैसी कंपनियाँ MLM का नकली रूप अपनाकर असल में पोंजी स्कीम चलाती हैं, जिसमें पुराने निवेशकों को नए निवेशकों से मिली रकम से भुगतान किया जाता है, जबकि असल में किसी उत्पाद या सेवा का वास्तविक मूल्य नहीं होता। ऐसे मामलों में भुगतान क्रिप्टोकरेंसी या विदेशी मुद्रा में लिया जाना एक बड़ा खतरे का संकेत होता है क्योंकि इससे जांच और नियमन बेहद कठिन हो जाता है।

कानूनी दृष्टिकोण से इन आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120बी (षड्यंत्र), 506 (धमकी देना) और आईटी अधिनियम तथा गैर-कानूनी जमा योजना (नियंत्रण) अधिनियम, 2019 के तहत मामले दर्ज हो सकते हैं।

इस तरह के घोटालों के बड़े होने के पीछे कई कारण हैं – जैसे युवाओं में जल्दी अमीर बनने की लालसा, फर्जी स्कीमों को पहचानने की जानकारी की कमी, सोशल मीडिया और वीडियो कॉल्स का दुरुपयोग, और सेना जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का नाम लेकर लोगों का भरोसा जीतना।

इस मामले से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी निवेश से पहले कंपनी की वैधता को MCA और SEBI जैसी संस्थाओं के पोर्टल पर जांचना चाहिए। जहां निवेश के बदले अधिक लोगों को जोड़ने की बात हो या भुगतान क्रिप्टो में मांगा जाए, तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस, साइबर क्राइम सेल या आर्थिक अपराध शाखा को दें। याद रखें, अगर कोई योजना बहुत आसान और बहुत मुनाफे वाली लगे, तो वह शायद एक जाल हो। हमेशा सतर्क रहें और ठगों से खुद को और अपने परिजनों को बचाएं।

हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित

ये भी पढ़ें : Bihar News: भर्ती कैंप में बेहोश हुई युवती बनी हैवानियत का शिकार, एम्बुलेंस में हुआ सामूहिक दुष्कर्म

ये भी देखें : Aniruddhacharya Controversy Video: अनिरुद्धाचार्य के शब्दों ने क्यों बढ़ाई मुश्किलें!

अपना यूपी

क्राइम

आपका जिला

वीडियो

ट्रेंडिंग

बड़ी खबर