Sonam Wangchuk: लद्दाख के मशहूर पर्यावरणविद् और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमों ने 2 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने वांगचुक की एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत हुई गिरफ्तारी को चुनौती दी है और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।
इस याचिका पर अब 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह मामला जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजनिया की बेंच देखेगी।
क्यों हुई गिरफ्तारी?
असल में, 24 सितंबर को लेह में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद सरकार ने सोनम वांगचुक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल वांगचुक राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं।
उनकी पत्नी गीतांजलि का कहना है कि वांगचुक की गिरफ्तारी पूरी तरह गलत है और यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि लद्दाख के लिए चल रहे छठी अनुसूची की मांग वाले आंदोलन को कमजोर किया जा सके।
‘देशद्रोही’ कहे जाने पर भड़कीं पत्नी
गीतांजलि ने कहा कि सरकार वांगचुक को देशद्रोही की तरह पेश कर रही है, जबकि उन्होंने हमेशा देश और पर्यावरण के हित में काम किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके परिवार की जासूसी की जा रही है और उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
पाकिस्तान मुद्दे पर भी दी सफाई
कुछ लोग सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से जुड़े होने का आरोप भी लगा रहे हैं। इस पर गीतांजलि ने सफाई देते हुए कहा कि सोनम एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने पाकिस्तान गए थे, जिसे संयुक्त राष्ट्र और डॉन मीडिया ने मिलकर आयोजित किया था। यह कार्यक्रम पूरी तरह पर्यावरण से जुड़ा हुआ था।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर कोई देश के लिए काम करता है और पर्यावरण के मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बात करता है तो क्या वो गुनाह है?”
राष्ट्रपति और पीएम से भी की अपील
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने से पहले गीतांजलि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी हस्तक्षेप की अपील की थी। इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता से भी वांगचुक की रिहाई की गुहार लगाई है।
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