Supriya Shrinate: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 साल पूरे होने पर संगठन की तारीफ की, तो कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और जयराम रमेश ने सीधे तौर पर पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए कहा कि सिर्फ एक सिक्का जारी कर देने से आरएसएस का अतीत नहीं बदल सकता।
“किस बात की तारीफ कर रहे हैं पीएम मोदी?” – सुप्रिया श्रीनेत
कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि प्रधानमंत्री आखिर किस बात की तारीफ कर रहे हैं? उन्होंने कहा, “आप एक सिक्का जारी कर दीजिए और आरएसएस की तारीफ कर दीजिए, ऐसा नहीं हो सकता। ये वही संगठन है, जिसके हाथ महात्मा गांधी के खून से रंगे हैं और जिसे देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने प्रतिबंधित किया था।”
जयराम रमेश ने दिखाई 1956 की किताब
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया पर आरएसएस को लेकर कई पुराने दस्तावेज और किताबें सामने रखीं। उन्होंने बताया कि गांधीजी के सहयोगी प्यारे लाल ने अपनी किताब ‘महात्मा गांधी: द लास्ट फेज’ में 12 सितंबर 1947 की एक बातचीत का ज़िक्र किया है, जिसमें गांधीजी ने आरएसएस को “तानाशाही सोच वाला सांप्रदायिक संगठन” कहा था। यह किताब 1956 में प्रकाशित हुई थी और इसमें उस समय के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और उपराष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन की भूमिका भी है।
सरदार पटेल की चिट्ठी भी लाई सामने
जयराम रमेश यहीं नहीं रुके। उन्होंने सरदार पटेल की एक चिट्ठी का भी ज़िक्र किया, जो उन्होंने 18 जुलाई 1948 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखी थी। उस चिट्ठी में पटेल ने साफ लिखा था कि आरएसएस और हिंदू महासभा की गतिविधियों ने गांधीजी की हत्या के लिए ऐसा माहौल तैयार किया, जिसमें ये भयानक घटना हो सकी।
रमेश ने कहा, “सरदार पटेल ने खुद कहा था कि आरएसएस की गतिविधियां सरकार और राष्ट्र के लिए खतरा बन गई थीं। इसलिए उन पर प्रतिबंध लगाया गया।”
पटेल ने जनसभा में भी की थी कड़ी आलोचना
कांग्रेस नेता ने बताया कि 19 दिसंबर 1948 को जयपुर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए भी सरदार पटेल ने आरएसएस की आलोचना की थी। उनका कहना था कि संगठन ने जो रास्ता अपनाया है, वह देश को नुकसान पहुंचा सकता है।
पीएम मोदी की तारीफ पर कांग्रेस की नाराजगी
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस के शताब्दी समारोह में कहा था कि “संघ पर कई बार हमले हुए, लेकिन उसने कभी कड़वाहट नहीं दिखाई और हमेशा ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से काम करता रहा।” इस बयान पर कांग्रेस ने जोरदार पलटवार किया है।
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने साफ कह दिया है कि आरएसएस का अतीत बहुत साफ नहीं है और इतिहास के कड़वे सच को सिर्फ भाषणों और प्रतीकात्मक सम्मान से नहीं मिटाया जा सकता।
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