Terrorist Attack : जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए एक दुखद आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए। जांच में पता चला है कि इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं, जो भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश को उजागर करता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान भारत को अस्थिर करने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश रच रहा है।
पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश
पाकिस्तान में मौजूद सूत्रों से पता चला है कि आतंकी संगठन 14-15 अगस्त से पहले भारत में बड़े हमले करने की योजना बना रहे हैं। तीन प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया गया है, जिसमें जम्मू सबसे प्रमुख केंद्र है। कभी आतंकवाद पर नियंत्रण रखने वाला जम्मू अब पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के निशाने पर है, जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में रियासी, डोडा राजौरी और कठुआ में हमले हुए हैं।
ऑपरेशन ऑल-आउट
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में बैठे आतंकी नेता श्रीनगर से जम्मू की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह घाटी में सफल ऑपरेशन ऑल-आउट के जवाब में है, जिसने आतंकी गतिविधियों में काफी कमी ला दी है, जिससे पाकिस्तान बौखला गया है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट में एक सुनियोजित जेल से भागने के बाद 20 आतंकवादी भाग निकले, जिनमें से 4-6 भारत में घुसपैठ कर गए। भागने वालों में गाजी शहजाद अहमद भी शामिल है, जो पहले भी भारत में कैद रह चुका है। सूत्रों से पता चलता है कि वह फिर से भारत में घुस आया है। ये आतंकवादी पुंछ के जंगलों से घुसपैठ कर आए थे।
आतंकियों के घुसपैठ का अंदेशा
माना जाता है कि हाल ही में करीब 40 आतंकवादी पाकिस्तानी लॉन्च पैड से भारत में घुसपैठ कर चुके हैं। सवाल यह उठता है कि ये आतंकवादी भारत में कैसे घुस आए। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब एक दर्जन नदियां और नाले हैं, जिनका इस्तेमाल पारंपरिक रूप से घुसपैठ के लिए किया जाता रहा है। हाल ही में आतंकवादियों ने जम्मू के सांबा और कठुआ जिलों में बब्बर नाला, पूजा नाला और बसंतर नाला जैसी धाराओं का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए किया है।
इन घुसपैठियों के लिए हथियार गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है और पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। पाकिस्तान की लगातार साजिशों के बावजूद घुसपैठ के रास्तों को डिकोड कर लिया गया है और इन आतंकवादियों को एक-एक करके खत्म करने के प्रयास जारी हैं।


