Kanpur News : कानपुर के चमनगंज थाना क्षेत्र के प्रेमनगर इलाके में रविवार रात एक भीषण अग्निकांड ने पूरे शहर को झकझोर दिया। रात करीब 9:30 बजे घनी आबादी वाले क्षेत्र की एक छह मंजिला इमारत के भूतल पर स्थित जूता फैक्ट्री में आग लग गई। देखते ही देखते ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगीं और इलाके में अफरा-तफरी मच गई। दमकल की 35 गाड़ियों ने रातभर मशक्कत कर सोमवार सुबह आग पर काबू पाया।
इस भयावह हादसे में जूता कारोबारी दानिश, उनकी पत्नी नाजनीन और तीन मासूम बेटियों की जलकर मौत हो गई। रात करीब 3 बजे दमकलकर्मियों ने पांचों के जले हुए शव इमारत से बाहर निकाले। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।
इमारत में था कारखाना और गोदाम
जानकारी के मुताबिक प्रेमनगर में रहने वाले दानिश की यह छह मंजिला इमारत थी, जिसमें उनका परिवार और भाई कासिफ का परिवार रहता था। भूतल पर मिलिट्री जूतों का कारखाना था और ऊपर के तल गोदाम और जूते रखने के लिए इस्तेमाल होते थे। रविवार को फैक्ट्री बंद थी, लेकिन रात होते-होते अचानक आग भड़क गई।
धुएं से दमघोंटू हुआ माहौल
आग लगते ही इमारत में रखा चमड़ा, गोंद और केमिकल जलने लगा जिससे उठने वाला धुआं बेहद जहरीला हो गया। आसपास की इमारतों में रहने वाले लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया। कई लोग धुएं के चलते बेहोश हो गए और उल्टियां करने लगे। दमघोंटू धुएं से बचने के लिए लोगों ने गीले कपड़े से चेहरा ढक लिया। खासकर बुजुर्गों और सांस के मरीजों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
रेस्क्यू में जुटे रहे अधिकारी
मुख्य अग्निशमन अधिकारी दीपक शर्मा के नेतृत्व में (Kanpur) दमकल विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। दो सौ मीटर के दायरे को सील कर बचाव कार्य शुरू किया गया। अगल-बगल की इमारतों को एहतियातन खाली कराया गया। मौके पर एडीएम राजेश सिंह, एसडीआरएफ और कई थानों की पुलिस फोर्स मौजूद रही। आग की भयावहता को देखते हुए बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी गई।
दीवारें तोड़कर किया गया रेस्क्यू
दमकल कर्मियों ने आग से घिरे कमरों तक पहुंचने के लिए इमारत की दीवारों को हथौड़े से तोड़ा। जब धुएं की मात्रा कुछ कम हुई, तो पानी की तेज धारों के साथ अंदर दाखिल होकर राहत कार्य किया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। भीषण गर्मी और दमघोंटू धुएं ने राहत कार्य को भी बेहद कठिन बना दिया।
अब तक की जांच में क्या सामने आया?
प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह माना जा रहा है। इस हादसे में फंसे लोगों को तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं बचाया जा सका। डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी के मुताबिक, मामले की गहराई से जांच की जा रही है। इमारत में आई दरारों को देखते हुए अब उसका तकनीकी परीक्षण भी किया जाएगा।
यह हादसा न सिर्फ कानपुर (Kanpur) बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है कि रिहायशी इमारतों में इस तरह के औद्योगिक कार्यों पर सख्त निगरानी रखी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके।