Lucknow : लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने दो महीने पहले ट्रांसपोर्ट नगर योजना के 292 प्लॉटों की गायब फाइलों का रिकॉर्ड आवंटियों से मांगा था। एलडीए ने स्पष्ट किया था कि जिन भूखंडों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होगा, उन्हें खाली मानकर नीलाम किया जाएगा। डेढ़ महीने की खोजबीन के बाद 169 प्लॉटों की फाइलें मिल गई हैं, लेकिन 123 भूखंडों की फाइलें अब भी गायब हैं।
ऐसे में इन भूखंडों पर काबिज लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि एलडीए इन्हें नीलाम करने की तैयारी में है। यह योजना 1981 में विकसित की गई थी, जिसमें लगभग 1900 भूखंड शामिल थे। ये प्लॉट ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को 90 साल की लीज पर आवंटित किए गए थे, लेकिन आवंटन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ। मूल आवंटियों की जगह कई भूखंडों पर फर्जी रजिस्ट्री कर दी गई।
इस घोटाले में 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जांच के दौरान एलडीए को पता चला कि योजना से संबंधित 292 भूखंडों की फाइलें गायब हैं, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं मिल रहा था। एलडीए के उपाध्यक्ष ने दिसंबर में घोषणा की थी कि जिन भूखंडों की फाइलें गायब हैं, उन्हें नीलाम किया जाएगा, क्योंकि उनका कोई दावेदार सामने नहीं आ रहा है।
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नीलामी से पहले एक अंतिम सूचना जारी की जाएगी, ताकि जिन लोगों के पास स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज हों, वे एलडीए में जमा कर सकें। अगर इस दौरान कोई दावेदार सामने नहीं आता है, तो भूखंडों की नीलामी कर दी जाएगी। रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के लिए आवंटियों को पहले एक महीने का समय दिया गया था, जिसे व्यापारियों की मांग पर 15 दिन और बढ़ा दिया गया। यह अवधि 7 फरवरी को समाप्त हो गई।
इस दौरान 169 भूखंडों के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज जमा किए गए, लेकिन 123 भूखंडों का अब तक कोई दावेदार नहीं मिला है। एलडीए अधिकारियों के अनुसार, योजना बहुत पुरानी होने के कारण अधिकांश भूखंडों पर निर्माण हो चुका है। ऐसे में इन भूखंडों को तोड़कर नीलामी करना एलडीए के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि प्रभावित लोग कोर्ट जाकर यह सवाल उठा सकते हैं कि एलडीए के पास खुद का रिकॉर्ड क्यों नहीं है।