Prayagraj : उत्तर प्रदेश का आबकारी विभाग सरकारी राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। प्रदेश सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति की घोषणा की है, जिसके तहत शराब की दुकानों के आवंटन के लिए 17 फरवरी से ई-लॉटरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य सरकारी राजस्व में वृद्धि करना और दुकानदारों को बेहतर लाभ प्रदान करना है। इस बार दुकान आवंटन की प्रक्रिया में कुछ नए नियम भी शामिल किए गए हैं।
नई नीति के तहत प्रयागराज में कुल 1,040 दुकानों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। इनमें से 518 दुकानें देसी शराब के लिए होंगी, जबकि 385 दुकानों पर विदेशी शराब और बीयर दोनों उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, 18 मॉडल शॉप और 119 भांग की दुकानों के लिए भी आवेदन लिए जाएंगे। यह नीति दुकानदारों को अधिक लाभ प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।
नई आबकारी नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। दुकानों का आवंटन अब ई-लॉटरी के माध्यम से होगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहेगी। इस बार एक आवेदक केवल एक दुकान के लिए आवेदन कर सकता है और पूरे उत्तर प्रदेश में किसी एक आवेदक को दो से अधिक दुकानें नहीं मिलेंगी। आवेदन के लिए सिक्योरिटी मनी की जगह एप्लीकेशन मनी ली जाएगी, जो 40 हजार से 1 लाख रुपए तक हो सकती है।
दुकानदारों के लिए एक बड़ी राहत यह है कि लॉटरी के बाद चयनित दुकानदारों को लाइसेंस फीस देनी होगी, जो उनकी दुकान की बिक्री के आधार पर तय की जाएगी। इसका मतलब है कि जिनकी बिक्री कम होगी, उन्हें कम फीस देनी होगी और जिनकी बिक्री अधिक होगी, उन्हें अधिक फीस देनी होगी। यह नीति दुकानदारों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
जिला आबकारी अधिकारी सुशील मिश्रा के अनुसार, इस नीति से दुकानदारों को अधिक लाभ होगा। लॉटरी प्रक्रिया 6 मार्च को होगी और अगले साल केवल नवीनीकरण (Renewal) किया जाएगा। अगली लॉटरी 2026-2027 में होगी। नई आबकारी नीति और लॉटरी प्रक्रिया के तहत शराब की दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता और लाभ का ध्यान रखा गया है।