Atul Subhash Suicide Case : प्रयागराज कोर्ट ने AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी के सुसाइड केस में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया समेत तीन आरोपियों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। 14 दिसंबर को पुलिस ने निकिता को गुरुग्राम से और उनकी सास निशा तथा साले अनुराग को प्रयागराज से गिरफ्तार किया था। वहीं, मामले में चौथे आरोपी निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया की तलाश जारी है।
80 हजार रुपये मेंटेनेंस की मांग पर विवाद
अतुल और निकिता के बीच जौनपुर फैमिली कोर्ट में चल रहे केस के दस्तावेजों से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अतुल ने कोर्ट में कहा था कि उनकी पत्नी खुद अच्छा कमा रही है, ऐसे में उन्हें 80 हजार रुपये प्रति माह मेंटेनेंस क्यों देना चाहिए। निकिता ने तर्क दिया था कि उन्होंने जौनपुर में 60 लाख रुपये का फ्लैट लोन पर खरीदा है, जिसकी मासिक किस्त उनकी पूरी सैलरी खत्म कर देती है। इस वजह से उन्हें मेंटेनेंस की जरूरत है।
अतुल का 24 पन्नों का सुसाइड नोट और वीडियो
9 दिसंबर को बिहार के समस्तीपुर निवासी अतुल ने आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड से पहले उन्होंने 24 पन्नों का नोट लिखा और 1 घंटे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया। इसमें उन्होंने अपनी पत्नी, सास, साले और चाचा ससुर पर पैसों के लिए मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ 9 फर्जी केस दर्ज करवाए गए थे।
बेटे को औजार बनाकर पैसे ऐंठने की कोशिश
वीडियो में अतुल ने कहा, “मेरी पत्नी बेटे व्योम को साथ लेकर मायके चली गई। साढ़े तीन साल से मैं अपने बेटे से नहीं मिल पाया हूं। (Atul Subhash Suicide Case) उसकी शक्ल तक भूल गया हूं। मेरी पत्नी बेटे को औजार बनाकर मुझसे पैसे ऐंठने की कोशिश करती रही। सास और साले ने मुझसे 16 लाख रुपये उधार लिए, फिर 50 लाख की और डिमांड की। मैंने इनकार किया तो उन्होंने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच दिया।”
जज ने भी नहीं सुनी मेरी बात
अतुल ने आरोप लगाया कि कोर्ट में उनकी बात को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी ने मुझसे 1 करोड़ रुपये की डिमांड की और फिर 40 हजार से बढ़ाकर 80 हजार रुपये मेंटेनेंस की मांग की। मैंने कहा कि इतनी सैलरी ही नहीं है। जज साहिबा रीता कौशिक ने मेरी बात सुनने के बजाय पत्नी के पक्ष में हंसते हुए कहा कि तुम सुसाइड कर लो।”
14 दिसंबर को गिरफ्तारी
अतुल की मौत के बाद उनके भाई विकास मोदी की शिकायत पर बेंगलुरु पुलिस ने 10 दिसंबर को चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। 14 दिसंबर को पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। निकिता, निशा और अनुराग को प्रयागराज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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