UP News : सोमवार को धर्मात्मा निषाद, जो निषाद पार्टी के पूर्व पदाधिकारी थे, की सुसाइड के मामले में गहमागहमी के बीच पोस्टमार्टम कराया गया। पनियरा पुलिस ने तहरीर के आधार पर चार आरोपितों में से एक, जयप्रकाश निषाद, और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने के आरोप में केस दर्ज किया है। हालांकि, एफआईआर में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद और उनके दो बेटों का नाम शामिल नहीं किया गया है। परिजनों का आरोप है कि पहली तहरीर को बदल दिया गया और पुलिस ने आश्वासन दिया है कि स्पीकर से अनुमति प्राप्त करने के बाद इन नामों को एफआईआर में शामिल किया जाएगा। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, मामले में एक सदस्य को नौकरी, मुआवजा और आवास देने का आश्वासन दिया गया है।
धर्मात्मा निषाद ने सुसाइड करने से पहले फेसबुक पर पोस्ट करते हुए निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद, उनके दो पुत्रों, और जयप्रकाश निषाद को अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। मौत के बाद नरकटहा गांव में भारी भीड़ उमड़ी, और सपा नेता अमरेंद्र निषाद धरने पर बैठ गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जो सोमवार को एक बजे से पहले जिला अस्पताल में हुआ। पोस्टमार्टम के दौरान एएसपी आतिश कुमार सिंह, तहसीलदार पंकज शाही, और पनियरा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर निर्भय कुमार सिंह के अलावा कोतवाली पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस सुरक्षा के साथ घर भेजा गया।
धर्मात्मा निषाद की मौत में प्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री का नाम सामने आने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। सोमवार को पोस्टमार्टम हाउस पर कई नेता और कार्यकर्ता जमा हुए, जिनमें कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरद कुमार सिंह, सपा के वरिष्ठ नेता विद्यासागर यादव, पूर्व विधायक श्रीपत आजाद और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। इस मामले में मृतक के बड़े भाई परमात्मा निषाद ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दबाव डालकर तहरीर बदलवाई और मुख्य आरोपितों के नाम नहीं जोड़े। परिजनों ने मांग की है कि जिन चार लोगों को धर्मात्मा निषाद ने अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था, उन सभी के नाम केस में जोड़े जाएं और उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।