Varanasi Flood: वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे घाटों से लेकर रिहायशी इलाकों तक जलभराव की स्थिति बन गई है। मंगलवार सुबह केंद्रीय जल आयोग ने जो बुलेटिन जारी किया उसके अनुसार, गंगा का जलस्तर 68.42 मीटर दर्ज हुआ था, जो शाम 7 बजे तक बढ़कर 68.70 मीटर तक पहुंच गया। यह स्तर अभी चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से 1.56 मीटर नीचे है, लेकिन बढ़ने की रफ्तार चिंता बढ़ा रही है।
प्रति घंटे 2 से 4 सेंटीमीटर की गति से जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे घाटों पर स्थित मंदिर और धार्मिक स्थलों में पानी प्रवेश कर गया है। अस्सी घाट पर ‘सुबह-ए-बनारस’ का मंच पूरी तरह डूब चुका है।
धार्मिक स्थलों में पानी घुसा, आरती हुई प्रतिबंधित
दशाश्वमेध घाट पर स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर भी गंगा के पानी में डूब चुका है। मंदिर का केवल ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। सोमवार रात ही देवी का मुखौटा हटाकर अहिल्याबाई घाट स्थित अहिलेश्वर महादेव मंदिर में सुरक्षित रूप से स्थापित कर दिया गया। मंगलवार से वहां नित्य पूजा, राग-भोग और दर्शन-पाठ शुरू कर दिए गए हैं।
गंगा आरती के दौरान जल पुलिस ने नावों और मोटरबोटों पर आरती दर्शन पर रोक लगा दी है। दशाश्वमेध घाट पर जल पुलिस चौकी तक पानी पहुंच चुका है। घाटों पर एनडीआरएफ और पीएसी की टीमें तैनात कर दी गई हैं ताकि सुरक्षा व्यवस्था बनाई रखी जा सके।
तटवर्ती इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, कई घर डूबे
गंगा की सहायक नदी वरुणा का पलट प्रवाह भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। वरुणा कॉरिडोर का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों — हिदायत नगर, दीनदयालपुर, और रमना इलाके — में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई घरों में पानी भर गया है, जिससे स्थानीय लोग विस्थापन और नुकसान की स्थिति से जूझ रहे हैं।
हिदायत नगर में काजू, मिराज, सलमान, चुन्नू समेत दर्जनों परिवार प्रभावित हुए हैं, वहीं दीनदयालपुर क्षेत्र में भी कई घर जलमग्न हो गए हैं। रमना में शवदाह स्थल तक पानी पहुंच चुका है और टिकरी क्षेत्र की फसलें डूबने की कगार पर हैं।
प्रभावित बस्तियां और कॉलोनियों की सूची
- हरिजन बस्ती, सोनकर बस्ती, डुमरांव बाग कॉलोनी, साकेत नगर, रोहित नगर, बटुआ पुरा
- रमना टिकरी क्षेत्र की सैकड़ों बीघा फसल पर संकट
- ज्ञान प्रवाह क्षेत्र में भी खतरे की आशंका, हालांकि चैनल गेट के कारण फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है
नगवां नाले के जरिए बाढ़ का पानी अंदर तक घुस सकता है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है, और नगवां प्राथमिक विद्यालय से राहत और निगरानी की जा रही है। राजस्व विभाग की टीम लगातार दौरा कर रही है।
आरती अब केवल सांकेतिक रूप में
गंगा आरती अब पूरी तरह से घाट पर न होकर केवल सांकेतिक रूप में की जाएगी। सुरक्षा को देखते हुए नावों पर आरती दिखाना फिलहाल बंद कर दिया गया है। घाटों के मंदिरों के केवल शिखर ही पानी से बाहर दिख रहे हैं, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सुरक्षित स्थानों की ओर स्थानांतरित
वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे धार्मिक आयोजन प्रभावित हो रहे हैं और रिहायशी इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। प्रशासन की टीमें सतर्क हैं, लेकिन लोगों को स्वयं भी सतर्क रहने की जरूरत है। तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों की ओर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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