Aaj Ka Panchang : हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग भी कहा जाता है, एक प्राचीन और सटीक प्रणाली है जिसका उपयोग समय और घटनाओं की गणना के लिए किया जाता है। यह प्रणाली पांच प्रमुख तत्वों पर आधारित होती है और हमें शुभ क्षणों (मुहूर्त), अशुभ समय (राहु काल), सूर्योदय और सूर्यास्त के समय, चंद्र दिनों (तिथियों), सूर्य और चंद्रमा की स्थिति, और हिंदू महीनों और पखवाड़ों (पक्षों) की जानकारी प्रदान करती है।
पंचांग के तत्व:
- तिथि (चंद्र दिवस): यह वह अवधि है जिसमें सूर्य और चंद्रमा के बीच कोणीय दूरी 12 डिग्री तक बढ़ जाती है। हर चंद्र महीने में 30 तिथियाँ होती हैं, जो दो चरणों में विभाजित होती हैं: शुक्ल पक्ष (बढ़ता हुआ चरण) और कृष्ण पक्ष (घटता हुआ चरण)। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है।
- नक्षत्र: ये आकाशीय क्षेत्र में तारों के समूह होते हैं। कुल 27 नक्षत्र होते हैं, और प्रत्येक नक्षत्र एक ग्रह से संबंधित होता है। ये नक्षत्र ज्योतिष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और शुभ समय की गणना में उपयोग किए जाते हैं। नक्षत्रों के नाम हैं: अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वा आषाढ़, उत्तरा आषाढ़, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद, रेवती।
- वारा (सप्ताह का दिन): ये सप्ताह के सात दिनों को संदर्भित करता है, जो विभिन्न ग्रहों से जुड़े होते हैं। दिन हैं: सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, और रविवार।
- योग: ये 27 विशेष प्रकार के कोणीय दूरी पर आधारित होते हैं, जो सूर्य और चंद्रमा के बीच होते हैं। योग का उपयोग शुभ और अशुभ समय की गणना के लिए किया जाता है। योगों के नाम हैं: विष्कुंभ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगंड, सुकर्मा, धृति, शूल, गंड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यतिपात, वारियान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्मा, इंद्र, वैधृति।
- करण: प्रत्येक तिथि को दो करणों में बांटा जाता है, एक पहले भाग में और दूसरा दूसरे भाग में। कुल 11 करण होते हैं, जिनके नाम हैं: बव, बलव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किंस्तुघ्न। विष्टि करण, जिसे भद्रा भी कहा जाता है, को नए काम शुरू करने के लिए अशुभ माना जाता है।
इन तत्वों की जानकारी से आप अपने दैनिक कार्यों को पंचांग के अनुसार अनुकूलित कर सकते हैं और व्यक्तिगत व आध्यात्मिक गतिविधियों को सही समय पर कर सकते हैं।
Aaj Ka Panchang : सूर्योदय एवं चन्द्रोदय
- सूर्योदय 06:00 ए एम
- सूर्यास्त 06:40 पी एम
- चन्द्रोदय चन्द्रोदय नहीं
- चन्द्रास्त 06:57 पी एम
पंचांग
- तिथि अमावस्या – 07:24 ए एम तक
- नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी – 03:10 ए एम, सितम्बर 04 तक
- प्रतिपदा उत्तराफाल्गुनी
- योग सिद्ध – 07:05 पी एम तकⓘ
- करण नाग – 07:24 ए एम तकⓘ
- साध्यⓘ किंस्तुघ्न – 08:33 पी एम तकⓘ
- वार मंगलवारⓘ बवⓘ
- पक्ष कृष्ण पक्ष
चन्द्र मास एवं सम्वत
- शक सम्वत 1946 क्रोधी चन्द्रमास भाद्रपद – पूर्णिमान्त
- विक्रम सम्वत 2081 पिङ्गल श्रावण – अमान्त
- गुजराती सम्वत 2080 राक्षस
राशि तथा नक्षत्र
- चन्द्र राशि सिंह नक्षत्र पद पूर्वाफाल्गुनी – 07:01 ए एम तक
- सूर्य राशि सिंह पूर्वाफाल्गुनी – 01:43 पी एम तक
- सूर्य नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी पूर्वाफाल्गुनी – 08:26 पी एम तक
- सूर्य नक्षत्र पद पूर्वाफाल्गुनी पूर्वाफाल्गुनी – 03:10 ए एम, सितम्बर 04 तक उत्तराफाल्गुनी
ऋतु तथा अयन
- द्रिक ऋतु शरद दिनमान 12 घण्टे 39 मिनट्स 41 सेकण्ड्स
- वैदिक ऋतु वर्षा रात्रिमान 11 घण्टे 20 मिनट्स 48 सेकण्ड्स
- द्रिक अयन दक्षिणायण मध्याह्न 12:20 पी एम
- वैदिक अयन दक्षिणायण
Aaj Ka Panchang : शुभ समय
- ब्रह्म मुहूर्त 04:29 ए एम से 05:15 ए एम
- प्रातः सन्ध्या 04:52 ए एम से 06:00 ए एम
- अभिजित मुहूर्त 11:54 ए एम से 12:45 पी एम
- विजय मुहूर्त 02:26 पी एम से 03:17 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त 06:40 पी एम से 07:02 पी एम
- सायाह्न सन्ध्या 06:40 पी एम से 07:48 पी एम
- अमृत काल 08:01 पी एम से 09:48 पी एम
- निशिता मुहूर्त 11:57 पी एम से 12:43 ए एम, सितम्बर 04
अशुभ समय
- राहुकाल 03:30 पी एम से 05:05 पी एम
- यमगण्ड 09:10 ए एम से 10:45 ए एम
- आडल योग 03:10 ए एम, सितम्बर 04 से 06:00 ए एम, सितम्बर 04
- दुर्मुहूर्त 08:32 ए एम से 09:22 ए एम
- गुलिक काल 12:20 पी एम से 01:55 पी एम 11:12 पी एम से 11:57 पी एम
- वर्ज्य 09:17 ए एम से 11:04 ए एम
- बाण रोग – 10:51 ए एम से पूर्ण रात्रि तक
आनन्दादि एवं तमिल योग
- आनन्दादि योग धुम्र – 03:10 ए एम, सितम्बर 04 तक
- तमिल योग मरण – 03:10 ए एम, सितम्बर 04 तक
- धाता/प्रजापति सिद्ध
- जीवनम निर्जीव𝟢 नेत्रम नेत्रहीन𝟢
निवास और शूल
- होमाहुति सूर्य☉
- दिशा शूल उत्तर
- अग्निवास पाताल – 07:24 ए एम तकⓘ
- नक्षत्र शूल उत्तर – 03:10 ए एम, सितम्बर 04 से पूर्ण रात्रि तक
- आकाश चन्द्र वास पूर्व
- शिववास गौरी के साथ – 07:24 ए एम तक
- राहु वास पश्चिमWest
- कुम्भ चक्र मुँह – 03:10 ए एम, सितम्बर 04 तक
- श्मशान में पूर्व