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Lok Sabha Election 2024: कन्नौज लोकसभा चुनाव 2024 का लेखा-जोखा

by | May 9, 2024 | अन्य, अपना यूपी, आपका जिला, ख़बर, बड़ी खबर, मुख्य खबरें, राजनीति

Lok Sabha Election 2024: कन्नौज जिला उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में अहम स्थान रखता है। कन्नौज जिले की कन्नौज संसदीय सीट प्रदेश में हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है। महान समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के साथ-साथ 3 पूर्व मुख्यमंत्री भी कन्नौज से लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं। 3 में से 2 तो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव हैं जो यहां से सांसद चुने गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज संसदीय सीट पर बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए समाजवादी पार्टी के गढ़ में अपनी जगह बना ली थी। अखिलेश की पत्नी और सपा की प्रत्याशी डिंपल यादव को हार गई थी।

कन्नौज की राजनीति का झलक 

उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई। साल 1967 में हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में इस सीट पर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से उतरे राम मनोहर लोहिया जीते थे। यहां से शीला दीक्षित, अखिलेश यादव, डिंपल यादव और सुब्रत पाठक जैसे चेहरे भी चुनाव जीत चुके हैं। कन्नौज शहर की अपनी समृद्ध पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत रही है। कन्नौज संसदीय सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें 3 कन्नौज जिलें में पड़ती हैं जबकि एक-एक सीट औरैया और कानपुर देहात जिले में पड़ती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज संसदीय सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ था। बीजेपी ने चुनाव में सुब्रत पाठक को मैदान में उतारा तो उनके सामने समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को टिकट दिया गया था। चुनाव में सपा और बसपा के बीच चुनावी गठबंधन था। सुब्रत पाठक को 563,087 वोट मिले जबकि डिंपल को 550,734 वोट मिले। दोनों ने मिलकर चुनाव में 98 फीसदी हासिल कर लिए। असर यह हुआ कि यहां पर मुकाबला बेहद टक्कर का हो गया और सुब्रत पाठक ने 12,353 मतों के अंतर से चुनाव में जीत अपने नाम कर लिया।

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5 साल बाद हार का पलटवार

इससे पहले 2014 के चुनाव में सपा को यहां पर जीत मिली। सपा की डिंपल यादव ने महज 19,907 मतों के अंतर के साथ बीजेपी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक को हरा दिया। 5 साल बाद सुब्रत पाठक ने पिछला हार का बदला ले लिया। खास बात यह रही कि 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में डिंपल यादव निर्विरोध चुनी गई थीं। मुलायम और अखिलेश यादव के अलावा एक और मुख्यमंत्री ने यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने 1984 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के लिए जीत हासिल की थी। शीला बाद में दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं और लगातार 15 साल तक पद पर बनी रहीं।

क्या अपनी गढ़ वापस लाने के लिए कन्नौज से उतरे? अखिलेश यादव 

लोकसभा 2024 के चुनाव की बात कर लेते हैं। इस बार भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक ही चुनाव मैदान में हैं। वहीं, सपा की तरफ से पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद चुनाव मैदान में उतरे हैं। हालांकि, यह सब कुछ नामांकन करने की आखिरी दिनों को हुआ। पहले सपा प्रमुख ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, नामांकन से ठीक पहले अखिलेश यादव ने प्रत्याशी को बदलकर खुद मैदान में उतर गए। बसपा ने इमरान बिन जाफर को अपना उम्मीदवार बनाया है। अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव जीत कर अपने गढ़ वापश लाना चाहती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कन्नौज की जनता जीत का सेहरा किसके सिर बांधती है और किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनती है।

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