Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही सियासत गरमाने लगी है। इसी बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक और पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।
मधेपुरा में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दोनों पर सीधा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि “बिहार की सारी समस्याओं की जड़ यही दो नेता हैं।”
प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की — “अगर इस बार फिर इन्हीं को वोट दिया गया, तो बिहार का युवा हमेशा के लिए पलायन करने पर मजबूर रहेगा।”
प्रशांत किशोर का सीधा वार
मधेपुरा की सभा में बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार पिछले 30 सालों से दो ही चेहरों के इर्द-गिर्द घूम रहा है — लालू और नीतीश।
उन्होंने दावा किया कि इन दोनों नेताओं ने राज्य की शिक्षा, उद्योग और रोजगार व्यवस्था को जड़ से कमजोर कर दिया है।
उनके शब्दों में, “अगर लोग फिर इन्हीं को वोट देंगे तो वे खुद अपने बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रहे हैं।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा — “अगर लालू या नीतीश की सरकार फिर आई, तो बिहार के लोग एक बार फिर जानवरों की तरह ट्रेनों में यात्रा करेंगे, क्योंकि अपने राज्य में काम नहीं मिलेगा।”
छठ पर्व पर घर लौटे लोगों से की अपील
प्रशांत किशोर ने छठ पूजा के मौके पर बिहार लौटे प्रवासी लोगों से खास अपील की।
उन्होंने कहा — “जो लोग छठ मनाने बिहार आए हैं, वे इस बार यहीं रुकें। चुनाव तक अपने गांव में रहें और अपने मताधिकार का उपयोग करें। इस बार वोट सिर्फ शिक्षा, रोजगार और बदलाव के नाम पर दें, जाति और व्यक्ति के नाम पर नहीं।”
उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी ऐसी सरकार लाएगी जो बिहार को आत्मनिर्भर बनाएगी ताकि युवाओं को चेन्नई, गुजरात, दिल्ली या मुंबई में मजदूरी न करनी पड़े।
उनका दावा था कि “अगर जन सुराज की सरकार बनी, तो आने वाले पाँच वर्षों में हर जिले में रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।”
मधेपुरा बना सियासत का हॉटस्पॉट
मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र इस चुनाव में एक बड़ा राजनीतिक केंद्र बन गया है। यह इलाका कभी लालू प्रसाद यादव और शरद यादव जैसे दिग्गजों का गढ़ माना जाता था।
वर्तमान में यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कब्जे में है, और तीन बार के विधायक चंद्र शेखर यादव इस बार भी महागठबंधन के उम्मीदवार हैं।
दूसरी ओर, एनडीए (NDA) ने इस सीट से जेडीयू (JDU) की ओर से कविता कुमारी साहा को मैदान में उतारा है।
कविता कुमारी अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) से आती हैं और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने मधेपुरा नगर परिषद की अध्यक्ष रहते हुए स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ बनाई है।
वहीं, जन सुराज पार्टी की ओर से शशि कुमार चुनावी मैदान में हैं, जो प्रशांत किशोर की नई राजनीति की प्रतीक माने जा रहे हैं।
मधेपुरा में त्रिकोणीय मुकाबला तय
इस बार मधेपुरा में चुनाव त्रिकोणीय होने के संकेत हैं —
एक तरफ महागठबंधन का उम्मीदवार, दूसरी तरफ एनडीए, और तीसरी ओर जन सुराज पार्टी।
इस सीट पर परंपरागत जातीय समीकरणों के साथ-साथ विकास और रोजगार जैसे मुद्दे भी निर्णायक साबित हो सकते हैं।
मधेपुरा की जनता के बीच प्रशांत किशोर की बातों का असर दिख रहा है, खासकर युवाओं के बीच।
कई युवा कह रहे हैं कि “पहली बार कोई नेता रोजगार और शिक्षा की बात कर रहा है, न कि सिर्फ जाति और धर्म की।”
बिहार चुनाव 2025 की तिथि और मतदान प्रक्रिया
राज्य में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में आयोजित किए जा रहे हैं —
- पहला चरण: 6 नवंबर 2025
- दूसरा चरण: 11 नवंबर 2025
- वोटों की गिनती: 14 नवंबर 2025
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार मतदान में युवाओं की भूमिका निर्णायक रहने वाली है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर युवाओं ने ठान लिया, तो बिहार की राजनीति की दिशा बदल सकती है।
प्रशांत किशोर की अपील का असर
प्रशांत किशोर का संदेश सीधा और भावनात्मक था — “बिहार अब केवल आस्था के त्योहारों का नहीं, बल्कि विकास के संकल्प का केंद्र बने।”
उनकी यह अपील उन लाखों प्रवासी बिहारियों के दिल को छू रही है, जो छठ जैसे त्योहार पर अपने घर लौटते हैं लेकिन रोज़गार की तलाश में फिर परदेश चले जाते हैं।
अब सवाल यह है कि क्या इस बार ये लोग अपनी धरती पर बदलाव लाने के लिए वोट देंगे?
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