Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है।
मुंगेर विधानसभा सीट से जन सुराज के उम्मीदवार संजय सिंह ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रशांत किशोर पूरे बिहार में जन सुराज अभियान को मजबूत करने में जुटे थे, जिससे पार्टी की रणनीति पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।
बीजेपी में शामिल होकर संजय सिंह ने किया नया ऐलान
बीजेपी में शामिल होने के बाद संजय सिंह ने कहा कि उनका यह निर्णय बिहार के विकास और एक स्थिर सरकार के लिए है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने जो प्रगति की है, उसे और आगे बढ़ाने के लिए अब वे बीजेपी के साथ रहेंगे।
संजय सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि वे आगामी चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार का पूर्ण समर्थन करेंगे।
जन सुराज की रणनीति पर पड़ेगा असर
संजय सिंह को जन सुराज पार्टी ने कुछ महीने पहले ही मुंगेर सीट से प्रत्याशी घोषित किया था।
वे लगातार जनता के बीच सक्रिय थे और प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति में अहम भूमिका निभा रहे थे।
हालांकि, अब उनके पार्टी छोड़ने से जन सुराज की चुनावी तैयारियों और संगठनात्मक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटनाक्रम से पार्टी की साख और वोट बैंक दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
मुंगेर सीट पर अब होगा सीधा मुकाबला
बीजेपी ने मुंगेर विधानसभा क्षेत्र संख्या 165 से कुमार प्रणय को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, राजद (RJD) की ओर से अविनाश कुमार विद्यार्थी मैदान में हैं।
अब संजय सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद मुख्य मुकाबला बीजेपी और आरजेडी के बीच होने की संभावना बढ़ गई है।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार, जन सुराज उम्मीदवार के हटने से विपक्षी वोटों का बंटवारा कम हो सकता है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प होगा।
ओवैसी की पार्टी ने भी दिया चुनौतीपूर्ण मोर्चा
मुंगेर सीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है।
पार्टी ने पूर्व मंत्री मोनाज़िर हसन को टिकट दिया है, जो पहले नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव दोनों के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं।
इससे यह सीट अब त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुकाबले में बदल गई है, जिससे वोटों का समीकरण बदल सकता है।
मुंगेर सीट का चुनावी इतिहास
मुंगेर विधानसभा सीट का इतिहास हमेशा उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 2010 में यह सीट जदयू के अनंत कुमार सत्यार्थी ने जीती थी। 2015 में राजद के विजय कुमार ‘विजय’ ने जदयू को मामूली 2.6% वोटों से हराया था।
वहीं, 2020 में बीजेपी उम्मीदवार प्रणव कुमार ने केवल 0.8% वोटों से जीत दर्ज की थी। 2005 के चुनाव में जदयू उम्मीदवार ने 11% से अधिक अंतर से जीत हासिल की थी, जो अब तक का सबसे बड़ा अंतर माना जाता है।
राजनीतिक समीकरण में बदलाव के संकेत
संजय सिंह का बीजेपी में शामिल होना न केवल जन सुराज के लिए झटका है, बल्कि बिहार के चुनावी समीकरणों में भी बड़ा बदलाव ला सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला प्रशांत किशोर की राजनीतिक योजनाओं पर असर डाल सकता है और बीजेपी को स्थानीय स्तर पर मजबूती दे सकता है।
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