CM Yogi : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में एक गहरा संदेश दिया, जिसमें उन्होंने संत, महात्मा और योगी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी संत, महात्मा, या योगी कभी भी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। उनके अनुसार, यह ऐसे व्यक्तित्व होते हैं जो अपने कदमों से समाज को चलने के लिए प्रेरित करते हैं और समाज के कल्याण में अपनी शक्ति को समर्पित करते हैं। यह विचार उन्होंने अघोराचार्य बाबा कीनाराम की 425वीं जयंती के अवसर पर व्यक्त किए।
दिव्य साधना और समाज सेवा के प्रतीक
मुख्यमंत्री ने बाबा कीनाराम के जीवन और साधना की प्रशंसा करते हुए कहा कि बाबा कीनाराम एक दिव्य विभूति थे, जिन्होंने अपने जीवन को समाज और राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि बाबा कीनाराम का जन्म एक कुलीन परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपने जीवन को साधना और सिद्धि के माध्यम से एक उच्चतम उद्देश्य की ओर अग्रसर किया।
बाबा कीनाराम ने अपनी साधना से प्राप्त सिद्धि का उपयोग केवल स्वयं के लाभ के लिए नहीं किया, बल्कि समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए किया। उन्होंने दलितों, आदिवासियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों को जोड़ने का कार्य किया, जो एक महान समाज सुधारक के रूप में उनके योगदान को दर्शाता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा कीनाराम ने बिना किसी भेदभाव के समाज में एकता और समृद्धि की अलख जगाई, जो केवल एक सच्चे संत, अघोराचार्य, या योगी द्वारा ही संभव है।
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देश की गुलामी और संतों की भूमिका अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत विदेशी आक्रांताओं का गुलाम इसलिए बना क्योंकि उन्होंने देश और समाज को बांटने में सफलता पाई। उन्होंने कहा कि संतों और संन्यासियों की सारी सिद्धि और साधना का सार राष्ट्रहित, समाजहित और मानव कल्याण में निहित होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संतसमाज को जोड़ने और उसे सही दिशा देने का कार्य करते हैं, जिससे राष्ट्र की एकता और अखंडता बनी रहती है।