Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल की हिंसा के बाद प्रशासन ने अब अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। नगर निगम ने प्रेमनगर थाना क्षेत्र के शाहबाद मोहल्ले में 27 घरों को नोटिस जारी किए हैं। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ पाने वाली अख्तर जहां का घर भी शामिल है।
निगम ने इन घरों को नगर निगम की भूमि पर अतिक्रमण बताया है और 15 दिन में खाली करने का अल्टीमेटम दिया है।
फर्जीवाड़े का आरोप या सर्वे की गलती?
इस पूरे प्रकरण ने प्रशासनिक सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत हुआ था, तब सर्वे रिपोर्ट कैसे पास की गई? क्या यह सर्वे की गलती थी या फिर किसी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी योजना का लाभ उठाया?
नगर निगम की टीम अब इन सभी 27 घरों के दस्तावेजों की दोबारा जांच में जुटी है।
अख्तर जहां का आरोप
अख्तर जहां ने कहा कि उन्हें ढाई लाख रुपये का अनुदान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिला था। उन्होंने बताया, “हमने बिजली बिल और वसीयत जैसे असली कागजात जमा किए थे। अब अचानक हमें बेघर करने की धमकी दी जा रही है। यह कार्रवाई पार्षद शालिनी जौहरी की शिकायत पर की जा रही है।”
उनका आरोप है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है और प्रशासन ने बिना जांच किए ही नोटिस जारी कर दिया।
पार्षद शालिनी जौहरी का बयान
वार्ड पार्षद शालिनी जौहरी ने अख्तर जहां के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कई लोगों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर योजना का फायदा उठाया है।
उन्होंने मांग की है कि ऐसे सभी लोगों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी सरकारी योजना का दुरुपयोग न कर सके।
मकान मालिकों में डर और विरोध
शाहबाद मोहल्ला में नोटिस मिलने के बाद से ही माहौल तनावपूर्ण है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई एक ही समुदाय को निशाना बनाकर की जा रही है।
कई परिवारों ने बताया कि वे पिछले 40-50 सालों से यहां रह रहे हैं और यह जमीन वक्फ संपत्ति है, न कि नगर निगम की।
महिलाओं ने कहा, “हम गरीब हैं, मेहनत से अपना घर बनाया है। हमारे सिर से छत मत छीनी जाए।”
जांच में सामने आ सकती हैं बड़ी गड़बड़ियां
नगर निगम की जांच टीम अब सभी घरों के दस्तावेज और सर्वे रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है। सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में कई गंभीर विसंगतियां सामने आई हैं।
निगम का कहना है कि यदि किसी ने फर्जी कागजों के आधार पर योजना का लाभ उठाया है, तो उस पर सख्त कार्रवाई तय है।
15 दिन में बड़ा फैसला संभव
निगम ने साफ कहा है कि नोटिस मिलने के 15 दिन के भीतर यदि मकान मालिक अपने स्वामित्व के दस्तावेज पेश नहीं करते, तो बुलडोजर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
फिलहाल, प्रशासन इस पूरे मामले में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही अगला कदम उठाने की बात कह रहा है।
कानून या राजनीति
बरेली में PM आवास योजना से जुड़े घरों पर कार्रवाई ने राज्य में नए राजनीतिक और प्रशासनिक सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह फर्जीवाड़ा उजागर करने की कार्रवाई है या फिर किसी खास वर्ग को निशाना बनाने की कोशिश – यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
फिलहाल, नगर निगम की सख्ती से शाहबाद मोहल्ले में बेघर होने का डर और अनिश्चितता दोनों गहराते जा रहे हैं।
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