Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के सिरौल क्षेत्र के ब्योधन खुर्द गांव स्थित एक कंपोजिट स्कूल में अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है। स्कूल के प्रिंसिपल पर बच्चों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा है, जिसके बाद परिजनों ने बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) से शिकायत की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल स्कूल में नियमित रूप से नहीं आते और फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज करते हैं, जिसके कारण पठन-पाठन का कार्य प्रभावित होता है।
शिकायत में क्या कहा गया?
ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल के प्रिंसिपल बच्चों के साथ भेदभाव करते हैं। खासकर अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ बहुत कठोर व्यवहार किया जाता है। आरोप है कि इन बच्चों से स्कूल में झाड़ू लगवाने के साथ-साथ हैंडपंप से पानी पीने की भी अनुमति नहीं दी जाती। इसके अलावा, बच्चों को शारीरिक दंड भी दिया जाता है। बच्चों और उनके परिजनों के साथ अभद्रता का आरोप भी प्रिंसिपल पर लगाया गया है।
प्रिंसिपल पर अन्य आरोप
ग्रामीणों के मुताबिक, प्रिंसिपल स्कूल में नियमित रूप से नहीं आते। कई बार वे स्कूल नहीं आते और अनुपस्थित रहते हुए फर्जी तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा लेते हैं। जब वे स्कूल आते भी हैं, तो समय से नहीं आते, जिससे स्कूल में शिक्षा का माहौल प्रभावित हो रहा है।
यह मामला उस समय और गंभीर हो गया, जब स्कूल के सहायक अध्यापक पर छात्रों को पीटने और उनके परिजनों से अभद्रता करने का आरोप लगा था। इसके बाद प्रिंसिपल ने बीईओ (बेसिक शिक्षा अधिकारी) को पत्र लिखकर सहायक अध्यापक के खिलाफ शिकायत की थी। अब ग्रामीणों ने प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है, जिससे यह माना जा रहा है कि स्कूल के शिक्षकों के बीच विवाद के कारण ही यह शिकायत की गई है।
बीएसए ने की जांच की घोषणा
इस पूरे मामले (Bareilly News) पर बीएसए संजय सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक उन्हें ग्रामीणों की तरफ से प्रिंसिपल के खिलाफ कोई शिकायत पत्र नहीं मिला है, लेकिन अगर मामला संज्ञान में आता है, तो वह तुरंत जांच कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का मंदिर होने के नाते, स्कूल में किसी प्रकार के भेदभाव की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
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