IND vs ENG: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका ने 489 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारतीय टीम पूरे दिन भी नहीं टिक सकी और 201 रन पर ढेर हो गई। लगातार खराब प्रदर्शन ने भारतीय चयन नीति और खिलाड़ियों के चयन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
151 ओवर की थकाने वाली गेंदबाजी, फिर भी नतीजा ढीला
भारत के गेंदबाजों को अफ्रीकी बल्लेबाजों को आउट करने के लिए 151 ओवर फेंकने पड़े—जो लगभग 906 गेंदों के बराबर हैं। यह लंबा संघर्ष भी टीम को मजबूत स्थिति में नहीं ला सका, क्योंकि अफ्रीका के निचले क्रम ने भारतीय गेंदबाजों को खूब परेशान किया।
टेम्बा बावुमा की टीम ने भारतीय गेंदबाजी को पूरी तरह थका दिया, यह बताता है कि भारतीय गेंदबाजी यूनिट में अनुभव और गहराई दोनों की कमी दिख रही है।
घरेलू मैदान पर लगातार हार, फिर भी बाहर बैठे मैच-विनर्स
यह सिर्फ गुवाहाटी की बात नहीं है—भारत हाल के कुछ महीनों से घरेलू टेस्ट मैचों में लगातार संघर्ष कर रहा है। बल्लेबाजी में न तकनीक दिख रही है, न धैर्य। गेंदबाजी में वह धार नहीं है जो मैच जिताने वाली टीम में होती है।
इसके बावजूद selectors ऐसे खिलाड़ियों को लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं जिनका प्रदर्शन घरेलू क्रिकेट में शानदार रहा है।
मोहम्मद शमी: फिट, फॉर्म में, फिर भी टीम से बाहर क्यों?
मोहम्मद शमी, जो भारत के सबसे सफल टेस्ट गेंदबाजों में से एक हैं, लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं।
- घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन
- लगातार विकेट लेने की क्षमता
- बड़े क्रिकेटरों की ओर से समर्थन
सौरव गांगुली जैसे दिग्गज भी शमी को टीम में वापस लाने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद चयनकर्ताओं का नजरिया बदलता नहीं दिख रहा।
करुण नायर और सरफराज: प्रदर्शन शानदार, मौका फिर भी नहीं
करुण नायर, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 8 साल बाद इस साल टेस्ट टीम में वापसी की थी, एक सीरीज बाद ही ड्रॉप कर दिए गए।
सरफराज खान भी घरेलू क्रिकेट में रन मशीन साबित हुए हैं, लेकिन उन्हें अब तक नियमित मौका नहीं मिला है।
दूसरी ओर, आईपीएल प्रदर्शन के आधार पर चुने गए साई सुदर्शन पर लगातार भरोसा जताया जा रहा है। इससे चयन नीति पर सवाल और गहरे हो जाते हैं।
बल्लेबाजी में धैर्य की भारी कमी
भारतीय बल्लेबाजों में वह क्लासिक टेस्ट क्रिकेटिंग अप्रोच दिखाई नहीं दे रही है।
- कोई बल्लेबाज लंबी पारी नहीं खेल पा रहा
- हर किसी का खेल टी20 स्टाइल में तब्दील
- मुश्किल परिस्थितियों में डिफेंस की कला गायब
इसी वजह से दूसरी पारी में भी टीम के ढहने की आशंका बनी रहती है।
चयन नीति पर फिर से सवाल, टीम में बदलाव की जरूरत
जब घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी बाहर बैठे हों और टीम लगातार हार रही हो, तो यह साफ संकेत है कि चयन नीति में सुधार की जरूरत है।
भारत को अनुभवी गेंदबाजों की वापसी, भरोसेमंद मिडिल ऑर्डर और धैर्यवान बल्लेबाजी अप्रोच की सख्त जरूरत है।
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