Jharkhand News: झारखंड में कुड़मी समाज ने अपनी लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर आज से रेल टेका डहर छेका आंदोलन शुरू कर दिया है। समाज की प्रमुख मांग है कि कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल किया जाए। इसके लिए झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के करीब 100 रेलवे स्टेशनों पर रेल परिचालन ठप करने की चेतावनी दी गई है।
रेलवे स्टेशनों पर लागू हुई निषेधाज्ञा
रांची जिला प्रशासन ने रेलवे स्टेशन परिसर और आसपास 300 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश 19 सितंबर की रात 8 बजे से 21 सितंबर की सुबह 8 बजे तक प्रभावी रहेगा। पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने भीड़ नियंत्रण के लिए सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए हैं।
मशाल जुलूस के साथ आंदोलन का ऐलान
आंदोलन से एक दिन पहले कुड़मी समाज ने रांची, हजारीबाग और अन्य जिलों में मशाल जुलूस निकाला। इस दौरान समाज के लोगों ने सरकार से अपील की कि उन्हें अनुसूचित जनजाति की सूची में जल्द शामिल किया जाए। सभी ने 20 सितंबर को आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प लिया।
झारखंड के 40 रेलवे स्टेशन रहेंगे प्रभावित
कुड़मी समाज ने झारखंड के कई जिलों में रेल परिचालन ठप करने की योजना बनाई है। रांची जिले के मुरी, राय, टाटीसिलवे और मेसरा स्टेशन, रामगढ़ के बरकाकाना, मायल और गोला, हजारीबाग का चरही स्टेशन, बोकारो के चंद्रपुरा और जगेश्वर विहार, गिरिडीह का पारसनाथ, धनबाद का प्रधानखांटा, सरायकेला खरसावां का गम्हरिया, सीनी और नीमडीह, पूर्वी सिंहभूम का गालूडीह और चाकुलिया, पश्चिमी सिंहभूम का सोनुआ तथा संथाल परगना के जामताड़ा, गोड्डा और हंसडीहा स्टेशन को निशाना बनाया जाएगा।
पुलिस और रेलवे ने बनाए सख्त इंतजाम
आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार ने स्पष्ट किया है कि रेल परिचालन बाधित करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। सुरक्षा बलों को हथियार, टीयर गैस, बॉडी प्रोटेक्टर और दंगारोधी वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं, रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अभी तक किसी ट्रेन को रद्द या डायवर्ट नहीं किया गया है। हालात के अनुसार फैसला लिया जाएगा।
कुड़मी समाज का आरोप और अपील
कुड़मी समाज के केंद्रीय प्रवक्ता हरमोहन महतो ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है। समाज को आदिवासी सूची में शामिल करने के लिए बार-बार आग्रह किया गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यही कारण है कि समाज को मजबूरन रेलवे ट्रैक पर उतरना पड़ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह कुड़मी समाज के प्रतिनिधियों से तत्काल बातचीत करे।
प्रशासन की सख्त चेतावनी
रांची जिला प्रशासन ने कहा है कि आंदोलन शांतिपूर्ण होना चाहिए और किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। अगर हिंसक गतिविधि या तोड़फोड़ हुई, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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