Lalu Prasad Yadav : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत ने एक बार फिर से भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हादसे को लेकर पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का बयान सियासी विवाद का कारण बन गया। जहां एक तरफ उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा देने की मांग की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने कुंभ स्नान को लेकर ऐसा बयान दिया कि सियासत गरमा गई।
लालू यादव ने इस घटना को रेलवे के मिस मैनेजमेंट का परिणाम बताया और कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है, और इसकी जिम्मेदारी रेल मंत्री को लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अश्विनी वैष्णव को इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन जब उनसे कुंभ मेला को लेकर सवाल किया गया, तो उनका बयान विवादित हो गया। लालू यादव ने कुंभ मेला को “फालतू” बताते हुए कहा, “अरे कुंभ का क्या, कोई मतलब है? फालतू है कुंभ।
एनडीए के घटक दलों ने इस बयान पर दी कड़ी प्रतिक्रिया
लालू के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया। एनडीए के घटक दलों ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और लालू यादव को निशाने पर लिया। बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि जब राबड़ी देवी छठ करती हैं, तो क्या वे गंगा में डूबकी नहीं लगातीं? क्या उनका परिवार काशी विश्वनाथ में दर्शन करने नहीं जाता? इसके अलावा, इस वर्ष लाखों लोग कुंभ स्नान के लिए गए थे। इस तरह, लालू यादव ने उन सभी भक्तों का अपमान किया है।
वहीं, जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी लालू यादव पर हमला करते हुए कहा कि यह एक दुखद दुर्घटना है, और इस पर राजनीति करना गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उनके कार्यकाल में भी एक बड़ा रेल हादसा हुआ था, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे। ऐसे में इस मुद्दे पर राजनीति करना उचित नहीं है।
लालू यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने भी लालू यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है, और लालू यादव जैसे सीनियर नेता को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, लालू जी अब उम्र के उस पड़ाव पर हैं, जहां उनके मुंह से कभी-कभी अनजाने में कुछ निकल जाता है। साथ ही, उपेंद्र कुशवाहा ने चेतावनी दी कि इस बयान के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) के इस बयान ने न केवल सियासत को गर्मा दिया, बल्कि उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर भी आलोचनाओं की झड़ी लग गई। कई लोगों ने उन्हें ट्रोल किया और उनके बयान को अनावश्यक और असंवेदनशील करार दिया।