PAK-Afghanistan War: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच महीनों से जारी तनाव एक बार फिर हिंसा में बदल गया है। शुक्रवार देर रात सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिससे हाल ही में लागू हुआ नाज़ुक युद्धविराम सवालों के घेरे में आ गया। हालांकि किसी जानमाल के नुकसान की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह घटना दोनों देशों के संबंधों में बढ़ रही खाई को और गहरा कर रही है।
चमन–स्पिन बोलदक बॉर्डर पर चला गोलियों का दौर
रिपोर्टों के अनुसार गोलीबारी पाकिस्तान-अफगान सीमा के चमन और स्पिन बोलदक क्षेत्रों में हुई। पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी मोहम्मद सादिक ने दावा किया कि फायरिंग की शुरुआत अफगानिस्तान की तरफ से हुई थी, जिसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
दूसरी ओर काबुल स्थित तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने आरोप लगाया कि हमला सबसे पहले पाकिस्तान ने किया और अफगान बलों ने सिर्फ जवाब दिया। इस तरह दोनों देशों के बयान एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत हैं।
एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अफगान सीमा पुलिस के प्रवक्ता अबिदुल्लाह फारूकी ने कहा कि पाकिस्तानी बलों ने पहले हैंड ग्रेनेड फेंककर संघर्षविराम का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि अफगान सेना संघर्षविराम बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन जबरन हमला किए जाने पर जवाब देना आवश्यक हो गया।
वहीं पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अफगान तालिबान ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी शुरू की। पाकिस्तानी सेना ने देश की सुरक्षा के लिए “फुल अलर्ट” पर रहने की बात कही है।
अक्टूबर की झड़पों के बाद से अविश्वास और गहराया
दोनों देशों के बीच तनाव नया नहीं है। अक्टूबर में हुई भीषण झड़पों में कई सैनिकों और नागरिकों की मौत हुई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इसके बाद कतर की मध्यस्थता में युद्धविराम लागू हुआ, जिसने अस्थायी रूप से हालात शांत किए।
हाल ही के इस्तांबुल शांति संवाद से भी कोई ठोस समझौता नहीं निकला। नतीजा यह हुआ कि सीमा पर तनाव लगातार बना रहा और अब फिर से हिंसा उभर आई है।
पाकिस्तान की चिंता: TTP का बढ़ता असर
पाकिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान तालिबान (TTP) को आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराता है। हालाँकि TTP अफगान तालिबान से अलग संगठन है, लेकिन दोनों के बीच संबंध और सहयोग की बात स्वीकार की जाती है।
पाकिस्तान का आरोप है कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान सरकार लौटने के बाद बड़ी संख्या में TTP आतंकियों ने अफगान क्षेत्र में शरण ली है, जिससे सीमा सुरक्षा की चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। इस वजह से पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान से कार्रवाई की मांग कर रहा है, जबकि अफगान सरकार इन आरोपों से इनकार करती है।
सीमा पर बढ़ती झड़पों से बिगड़ रहा माहौल
दोनों देशों के बयान और आरोप बताते हैं कि भरोसे की कमी लगातार बढ़ रही है। युद्धविराम के बावजूद सीमा पर बार-बार हो रही गोलीबारी यह संकेत देती है कि किसी भी समय हालात और खराब हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक पाकिस्तान–अफगानिस्तान के बीच TTP, शरण, सीमा सुरक्षा और आतंकवाद पर स्पष्ट संवाद नहीं होता, तब तक दोनों देशों के बीच स्थिरता मुश्किल है।
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