PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्रिटेन की यात्रा समाप्त करने के बाद अपने दो देशों के दौरे के दूसरे चरण में मालदीव पहुंचेंगे। यह दो दिवसीय यात्रा मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की 60वीं स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव की तीसरी आधिकारिक यात्रा है। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद यह किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा है, जो भारत और मालदीव के संबंधों में एक नई शुरुआत का संकेत देती है।
भारत-मालदीव संबंधों में आई हालिया तनाव के बीच अहम कूटनीतिक पहल
हाल के महीनों में भारत और मालदीव के संबंधों में कुछ खटास देखने को मिली थी, खासकर कुछ मालदीवी नेताओं द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयानों और सोशल मीडिया पर चले अभियानों के कारण। इन गतिविधियों ने दोनों देशों के बीच विश्वास में कमी और जनमानस में नाराजगी पैदा की। ऐसे समय में प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल कूटनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह यह संकेत देती है कि भारत मालदीव के साथ अपने ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना चाहता है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचा विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की उम्मीद है।
भारतीय पर्यटकों की मालदीव यात्रा में उतार-चढ़ाव: आँकड़ों के साथ विश्लेषण
मालदीव की अर्थव्यवस्था में पर्यटन एक अहम भूमिका निभाता है और भारत इस क्षेत्र में एक बड़ा योगदानकर्ता रहा है। साल 2015 से 2022 के बीच भारतीय पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई। 2015 में 51,840 भारतीय पर्यटक मालदीव गए थे, जबकि यह संख्या 2019 तक बढ़कर 1,66,030 हो गई। कोविड महामारी के कारण 2020 में यह संख्या घटकर 62,904 पर आ गई, लेकिन 2021 और 2022 में यह फिर से उछाल के साथ 2,11,178 और 2,41,382 तक पहुंच गई, जिससे भारत मालदीव का शीर्ष पर्यटक स्रोत देश बन गया।
हालांकि, 2023 के अंत से स्थिति बदलने लगी। कुछ मालदीवी नेताओं द्वारा भारत विरोधी टिप्पणियों और सोशल मीडिया अभियानों के कारण भारतीय पर्यटकों की संख्या 2024 में गिरकर मात्र 63,450 रह गई ।जो 2022 के मुकाबले लगभग 74% की गिरावट है। यह स्पष्ट दर्शाता है कि राजनीतिक माहौल और सार्वजनिक धारणा पर्यटन जैसे आर्थिक क्षेत्रों पर सीधा असर डाल सकते हैं।
2025 में अब तक (जुलाई तक) कुल 1,15,768 भारतीय पर्यटक मालदीव जा चुके हैं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले सुधार का संकेत देता है, लेकिन यह अब भी 2022 की तुलना में काफी कम है। यह सुधार प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा और भारत-मालदीव संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशों का संकेत माना जा सकता है।
राजनयिक उपस्थिति से संबंधों में सुधार की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की ओर से संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की एक सकारात्मक और रणनीतिक पहल है। मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उनकी उपस्थिति यह संदेश देती है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत, भरोसेमंद और संतुलित रिश्ते बनाए रखने को प्राथमिकता देता है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास, सहयोग और संवाद की एक नई शुरुआत बन सकती है। साथ ही, यह क्षेत्रीय स्थिरता, साझा सुरक्षा हितों और पर्यटन के पुनर्जीवन में भी सहायक सिद्ध हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और मालदीव के संबंधों में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। यह दौरा न केवल एक कूटनीतिक संकेत है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच मित्रता, विश्वास और सहयोग को नई दिशा देने का अवसर भी है ।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित
ये भी पढ़ें : Viral Video: देसी जुगाड़ से बना ई-रिक्शा ट्रैक्टर, वायरल वीडियो ने मचाया इंटरनेट पर बवाल! देख लोग बोले – ‘क्या दिमाग है!’
ये भी देखें : CM Yogi On Ravi Kishan: CM योगी ने फिर खिंची रवि किशन की टांग,देखिए ये वीडियो