Premanand Maharaj : शादी के बाद पति और पत्नी के रिश्तों में खटास आना एक सामान्य घटना है, जो विभिन्न कारणों से हो सकती है। इन कारणों में एक महत्वपूर्ण कारण विवाह से पहले के पुराने संबंध भी हो सकते हैं। इस विषय पर कई लोग कंफ्यूज रहते हैं और सोचते हैं कि क्या शादी के बाद पति से पुराने रिश्तों के बारे में बात करनी चाहिए या नहीं। इस सवाल पर वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी राय दी है, जो इस मुद्दे को एक नए दृष्टिकोण से देखते हैं।
क्या पुराने रिश्तों के बारे में पति से बात करनी चाहिए?
प्रेमानंद महाराज से एक श्रद्धालु ने यह सवाल पूछा था कि क्या पुराने संबंधों के बारे में पति से बात करना चाहिए या नहीं। इस पर महाराज ने अपनी स्पष्ट राय व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी बातों को छुपाकर रखना चाहिए, क्योंकि यह पति के दिल में शंका और नफरत उत्पन्न कर सकता है। उनके अनुसार, इस प्रकार की बातों को खुलकर बताने से पति के प्यार में कमी आ सकती है और परिवार में अविश्वास का वातावरण बन सकता है।
प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि, अगर पहले किसी मित्र से कोई गलती हुई हो, और अब आपकी शादी किसी और से हो गई हो, तो उसे भूल जाना चाहिए। यह मान लो कि वह आपके पिछले जन्म की गलती थी। अब आप अपने वर्तमान जीवन में ईमानदारी से जीने की कोशिश करें।”उन्होंने कहा कि यदि आप पुराने रिश्तों को लेकर ईमानदारी से पति से बात करेंगे, तो इसके परिणामस्वरूप पति के मन में आपके लिए अच्छे विचार नहीं रहेंगे, और इससे परिवार की शांति में खलल पड़ सकता है।
गति से पिछली गलतियों को भूलें, आगे की ओर बढ़ें
प्रेमानंद महाराज का मानना था कि जो बीत चुका है, वह बीत चुका है। अब हमें वर्तमान जीवन में अपनी गलतियों से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने यह सुझाव दिया कि महिलाएं और पुरुष दोनों को यह ध्यान रखना चाहिए कि “जो हो गया, सो हो गया” और आगे ऐसी गलती से बचना चाहिए। अगर किसी कारणवश पति ने कुछ देखा या सुना, तो इससे परिवार में बड़ा विवाद हो सकता है। ऐसे मामलों में ईमानदारी से जवाब देने के बजाय, इस बात को छुपाना ज्यादा बेहतर होता है।
महाराज ने यह भी कहा कि अगर पति या पत्नी में से किसी ने गलती की है तो उसे छुपा लेना चाहिए, और विवाद के समय केवल एक-दूसरे के लिए भावनाएं और सम्मान बनाए रखना चाहिए। इस तरह से रिश्ते में कोई दरार नहीं आती है और परिवार को बचाया जा सकता है।
प्रेमानंद महाराज कौन हैं?
प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) वृंदावन में रहने वाले प्रसिद्ध संत हैं। वे राधारानी के परम भक्त माने जाते हैं और उनकी बातें लोग दूर-दूर से सुनने और समझने आते हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था, जहां उनका नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। उन्होंने अपनी जीवन यात्रा में संन्यास लिया और अब वह मथुरा के पास वृंदावन में रहकर अपनी धार्मिक सेवा और उपदेश दे रहे हैं। उनकी सलाह और teachings लोगों के जीवन में शांति और संतुलन लाने का काम करती है।
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