Punjab Air Pollution: पंजाब में खेतों में पराली जलाने का सिलसिला एक बार फिर तेज़ी से शुरू हो गया है। सोमवार को ही पराली जलाने के 62 नए मामले सामने आए हैं। सबसे ज़्यादा पराली जलाने के केस अमृतसर ज़िले से रिपोर्ट हुए हैं।
अमृतसर में सबसे ज़्यादा, बाकी जिलों में भी मामले
15 सितंबर से सेटेलाइट के ज़रिए पराली जलाने की निगरानी शुरू की गई है। तब से अब तक पंजाब में कुल 62 केस दर्ज किए जा चुके हैं। अकेले अमृतसर जिले से 38 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा:
- पटियाला – 7 मामले
- तरनतारन – 7 मामले
- बरनाला – 2 मामले
- बठिंडा, फिरोजपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, संगरूर, एसएएस नगर, मालेरकोटला – 1-1 मामला
पिछले साल की तुलना में मामले ज़्यादा
पिछले साल इसी समय तक पंजाब में पराली जलाने के 62 मामले सामने आए थे, जबकि 2023 में सिर्फ 7 मामले थे। इसका मतलब है कि इस साल पराली जलाने की शुरुआत काफी तेज़ हुई है।
जुर्माना और कानूनी कार्रवाई
सरकार की सख्ती के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं। अब तक 27 मामलों में 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 50 हजार रुपये वसूल भी लिए गए हैं।
इसके अलावा 14 मामलों में FIR भी दर्ज हुई है सेक्शन 223 BNS के तहत।
क्या है रेड एंट्री?
पराली जलाने पर 15 किसानों की जमीनों पर रेड एंट्री कर दी गई है। इसका मतलब ये है कि अब ये किसान:
- अपनी ज़मीन बेच नहीं सकते
- ज़मीन को गिरवी नहीं रख सकते
- और उस पर कोई लोन भी नहीं ले सकते
ये कदम किसानों पर सख्ती बढ़ाने और पराली जलाने से रोकने के लिए उठाया गया है।
हालांकि सरकार और प्रशासन लगातार चेतावनी दे रहा है और जुर्माने भी लगा रहा है, लेकिन पराली जलाने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। अगर यही हाल रहा, तो आने वाले दिनों में न सिर्फ पंजाब, बल्कि दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत की हवा फिर से ज़हरीली हो सकती है।
समय रहते अगर किसान और सरकार मिलकर समाधान नहीं ढूंढते, तो सर्दियों में प्रदूषण फिर बड़ी समस्या बन जाएगा।
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