Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले स्थित कल्कि धाम में आज एक पावन अवसर पर शीला दान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में शिवसेना के वरिष्ठ नेता अभिषेक वर्मा ने सपरिवार भाग लिया और अपनी पूज्य माता जी के नाम पर शीला दान कर धर्म के इस महायज्ञ में सहभागिता निभाई। इस दौरान उन्होंने पूज्य शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
“यह केवल मंदिर नहीं, सनातन चेतना का प्रतीक है” – अभिषेक वर्मा
इस ऐतिहासिक क्षण पर अपने विचार साझा करते हुए अभिषेक वर्मा ने कहा कि,
“आज का दिन मेरे जीवन के उन दिव्य और दुर्लभ पलों में से एक है जिसे शब्दों में बाँधना कठिन है। हम सभी एक ऐसे धार्मिक युग की शुरुआत के साक्षी बन रहे हैं जो केवल ईंट और पत्थर से बना ढांचा नहीं, बल्कि एक वैचारिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।”
कल्कि अवतार: अधर्म के अंत और धर्म की पुनर्स्थापना का संकल्प
अभिषेक वर्मा ने श्री कल्कि भगवान के धर्म अवतार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब धरती पर पाप और अधर्म का अंधकार गहराने लगता है, तब नारायण स्वयं कल्कि रूप में अवतरित होकर धर्म और मर्यादा की पुनर्स्थापना करते हैं। यही संदेश कल्कि धाम की आत्मा है – अधर्म के विरुद्ध जागरण और धर्म की विजय।
विदेशी षड्यंत्रों के विरुद्ध आध्यात्मिक चेतना का दुर्ग बनेगा कल्कि धाम
उन्होंने कहा कि कुछ दशकों से भारत के विरुद्ध विदेशी शक्तियाँ जनसंख्या असंतुलन, जिहाद और अलगाववाद के माध्यम से सनातन संस्कृति को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। ऐसे में कल्कि धाम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की एकता, अखंडता और सनातन धर्म की रक्षा का प्रतीक बनेगा।
“भारत केवल एक भूखंड नहीं, बल्कि धर्म की भूमि है। कल्कि धाम उन राष्ट्रविरोधी ताक़तों के विरुद्ध हमारी आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र बनेगा,” – अभिषेक वर्मा
आचार्य प्रमोद कृष्णम जी: इस धार्मिक पुनर्जागरण के सूत्रधार
अभिषेक वर्मा ने आचार्य प्रमोद कृष्णम जी को इस विराट संकल्प का प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि आचार्य जी का सान्निध्य उन्हें 1990 के दशक से प्राप्त है, और उनकी धर्मनिष्ठा ने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया है।
“मैं उनके चरणों में कृतज्ञता अर्पित करता हूँ कि उन्होंने मुझे इस ऐतिहासिक क्षण में बोलने का सौभाग्य दिया,” – अभिषेक वर्मा
कल्कि धाम: आने वाली पीढ़ियों के लिए आध्यात्मिक और राष्ट्रधर्म की प्रेरणा
अभिषेक वर्मा ने अंत में कहा कि कल्कि धाम सिर्फ वर्तमान का मंदिर नहीं, यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक संदेश और प्रेरणा होगा – कि अधर्म के विरुद्ध खड़ा होना ही असली आध्यात्मिक कर्म है।
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