SIR Process Extended: देश में आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को और अधिक सटीक व अद्यतन बनाने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। विशेष गहन संशोधन (SIR Process) की समय-सीमा 7 दिन बढ़ाकर 11 दिसंबर 2025 कर दी गई है। इसका सीधा लाभ लाखों वोटरों को मिलेगा, जो अपने नाम, पता या अन्य विवरण में सुधार करना चाहते हैं।
SIR Process Extended: क्या है बड़ा फैसला?

चुनाव आयोग ने बताया कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही SIR प्रक्रिया अब पहले की तुलना में एक हफ्ता अधिक चलेगी।
इस दौरान वोटरों को अपने नाम जोड़ने, गलतियाँ सुधारने और मतदान केंद्रों की पुनर्व्यवस्था (Re-arrangement) में बदलाव की सुविधा मिलेगी।
आयोग के नए आदेश में क्या शामिल है?
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं:
- काउंटिंग प्रपत्र वितरण: अब 4 दिसंबर के बजाय 11 दिसंबर 2025 तक
- ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशन: 9 दिसंबर की जगह 16 दिसंबर 2025
- फाइनल वोटर लिस्ट जारी: अब 7 फरवरी के स्थान पर 14 फरवरी 2026
यह सभी बदलाव SIR प्रक्रिया की सुचारू और सुनिश्चित प्रगति के लिए लागू किए गए हैं।
किन राज्यों में दिखेगा इसका असर?
यह फैसला इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा: राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, गोवा, लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल।
इन राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना बेहद ज़रूरी है।
SIR प्रक्रिया की नई टाइमलाइन

चुनाव आयोग द्वारा जारी नई समय-सारणी:
- SIR अवधि: 11 दिसंबर 2025 तक
- मतदान केंद्र Re-arrangement: 11 दिसंबर 2025 तक
- कंट्रोल ड्राफ्ट अपडेट लिस्ट: 12–15 दिसंबर 2025
- ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशन: 16 दिसंबर 2025
- दावे और आपत्तियां: 16 दिसंबर 2025 – 15 जनवरी 2026
- नोटिस, सुनवाई और सत्यापन फेज: 16 दिसंबर 2025 – 7 फरवरी 2026
- EROs द्वारा सभी दावों व आपत्तियों का निपटारा: इसी अवधि में
समय-सीमा बढ़ाने की वजह क्या है?
चुनाव आयोग का मानना है कि मतदाताओं को पर्याप्त समय देना बेहद ज़रूरी है ताकि किसी भी वोटर का नाम छूट न जाए और सूची अधिक सटीक बन सके।
पहले भी बिहार में SIR प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही विधानसभा चुनाव कराए गए थे, जिससे आयोग को सकारात्मक अनुभव मिला था।
नतीजा: वोटरों को मिलेगा सही अवसर
SIR प्रक्रिया में विस्तार से:
- मतदाता सूची अधिक पारदर्शी बनेगी
- नए वोटरों को मौका मिलेगा
- त्रुटियाँ सुधारने का पर्याप्त समय मिलेगा
- चुनाव प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और मजबूत होगी
यह कदम चुनावी तैयारी को और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
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