UP Expressway News : लखनऊ और कानपुर के बीच स्थित प्रमुख हाइवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, होली के बाद दो महीने के लिए भारी वाहनों के लिए बंद किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार, मई 2025 तक इस एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। इस दौरान ट्रैफिक की व्यवस्था सुचारु बनाए रखने और निर्माण कार्य में कोई रुकावट न आने के लिए वैकल्पिक मार्गों पर यातायात डायवर्ट किया जाएगा।
क्या होगी डायवर्जन योजना?
लखनऊ से कानपुर जाने वाले वाहन दारोगा खेड़ा के पास बनाए गए स्लिप रोड के माध्यम से आउटर रिंग रोड पर भेजे जाएंगे। वहीं, कानपुर से लखनऊ की दिशा में आने वाले वाहन दही चौकी से डायवर्ट होकर मोहनलालगंज और गोसाईंगंज होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करेंगे। इस डायवर्जन योजना का प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस को जल्द ही भेजा जाएगा, ताकि यातायात व्यवस्था में कोई खलल न पड़े और निर्माण कार्य के लिए रास्ता साफ हो सके।
स्लिप रोड का निर्माण और डायवर्जन की शुरुआत
दारोगा खेड़ा से आउटर रिंग रोड तक बनने वाली स्लिप रोड का निर्माण 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। यह स्लिप रोड वाहनों को सीधे आउटर रिंग रोड से जोड़ने का काम करेगी, जिससे ट्रैफिक के प्रवाह में सुधार होगा और निर्माण कार्य में कोई रुकावट नहीं आएगी। होली तक इस स्लिप रोड का पक्कीकरण पूरा हो जाएगा, जिसके बाद डायवर्जन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस दौरान भारी वाहनों की आवाजाही पर दो महीने के लिए रोक रहेगी, जबकि दो और चार पहिया वाहन आसानी से इस मार्ग पर यात्रा कर सकेंगे।
भारी वाहनों के लिए जाम की समस्या और समाधान
कानपुर और लखनऊ के बीच एक्सप्रेसवे पर अक्सर भारी वाहनों की वजह से जाम लग जाता था, जिससे अधिकारियों को यातायात व्यवस्था सुधारने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था। खासकर, दारोगा खेड़ा और बनी तक के रास्ते पर जाम की स्थिति को संभालने में अफसरों की हालत खराब हो जाती थी। अब, डायवर्जन और स्लिप रोड के बनने से उम्मीद की जा रही है कि वाहनों की आवाजाही में कोई परेशानी नहीं होगी और सड़क पर ट्रैफिक के दबाव को कम किया जा सकेगा।
निर्माण कार्य का उद्देश्य
लखनऊ से कानपुर (UP Expressway News) के बीच बन रहे इस एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य दोनों शहरों के बीच यात्रा समय को कम करना और सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से न सिर्फ यात्रियों को लाभ मिलेगा, बल्कि यह दोनों शहरों के आर्थिक विकास में भी मददगार साबित होगा। वर्तमान में, इस निर्माण कार्य के पूरा होने का लक्ष्य जून 2025 तक है, और इसके लिए जरूरी है कि कार्य बिना किसी रुकावट के जारी रहे।