UP News: लखनऊ एयरपोर्ट पर सोमवार को एक विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और किसी भी आपातकालीन स्थिति में सभी एजेंसियों के संयुक्त प्रतिक्रिया तंत्र का मूल्यांकन करना था। इस अभ्यास में बम धमकी के काल्पनिक परिदृश्य को शामिल किया गया, जिसके आधार पर सीआईएसएफ सहित कई सुरक्षा एजेंसियों ने वास्तविक स्थिति की तरह ऑपरेशन को अंजाम दिया।
बम खतरे की काल्पनिक सूचना पर तुरंत सक्रिय हुई टीमें
अभ्यास के दौरान एयरपोर्ट कंट्रोल रूम को बम की काल्पनिक धमकी मिलने की सूचना दी गई। इसके बाद सीआईएसएफ और संबंधित टीमों ने निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार तत्काल प्रतिक्रिया दी।
कुछ ही मिनटों में सुरक्षा बलों ने एयरपोर्ट के निर्धारित क्षेत्रों को घेर लिया और ऑपरेशन शुरू कर दिया।
इस प्रक्रिया में किसी भी वास्तविक खतरे जैसी स्थितियों को सिम्युलेट किया गया, ताकि एजेंसियों की फुर्ती, समन्वय और प्रतिक्रिया प्रणाली का आकलन किया जा सके।
कई एजेंसियों ने मिलकर परखी अपनी तैयारी
इस मॉक ड्रिल में सीआईएसएफ, बीडीडीएस, बीसीएएस, एलआईएएल, स्थानीय पुलिस, आईबी, एयरलाइंस प्रतिनिधि, एआरएफएफ और मेडिकल टीमें शामिल रहीं। सभी टीमों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का बेहतरीन निर्वहन किया।
अभ्यास के दौरान बम डिटेक्शन, क्षेत्र की घेराबंदी, यात्रियों की सुरक्षा, मेडिकल सहायता, फायर सिस्टम रिस्पॉन्स और ऑपरेशन की लीड मैनेजमेंट जैसी प्रक्रियाओं को विशेष तौर पर परखा गया।
एजेंसियों के बीच बेहतरीन तालमेल का प्रदर्शन
मॉक ड्रिल के बाद अधिकारियों ने बताया कि सभी टीमों ने निर्धारित समय सीमा और एसओपी के अनुसार उच्च स्तरीय दक्षता का परिचय दिया।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने माना कि इस अभ्यास ने सभी संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय, भरोसा और संयुक्त ऑपरेशनल क्षमता को और मजबूत बनाया है।
CISF ने सोशल मीडिया पर साझा की जानकारी
सीआईएसएफ ने इस अभ्यास की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए बताया कि यह वार्षिक मॉक एक्सरसाइज बम खतरे पर आधारित थी। इस अभ्यास का उद्देश्य ऑपरेशनल तैयारी को बढ़ाना, सभी एजेंसियों के बीच तालमेल मजबूत करना और एक सुरक्षित एविएशन माहौल सुनिश्चित करना था।
सीआईएसएफ ने कहा कि इस संयुक्त अभ्यास ने टीमों के बीच बिना रुकावट सहयोग को प्रमाणित किया है, जो भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जम्मू एयरपोर्ट पर भी हाल ही में हुआ था ऐसा अभ्यास
इससे पहले 22 नवंबर को जम्मू एयरपोर्ट पर भी सीआईएसएफ के नेतृत्व में एक मल्टी-एजेंसी मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी।
उस अभ्यास में सीआईएसएफ, एसओजी-जेकेपी, आईएएफ, एएआई, जेके फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज, जीएमसी मेडिकल टीम, बीडीडीएस और डॉग स्क्वॉड समेत कई टीमें शामिल थीं।
जम्मू में हुए अभ्यास ने भी इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेशन और ऑपरेशनल दक्षता को मजबूत किया था।
भविष्य में भी जारी रहेंगी ऐसी मॉक ड्रिल्स
सीआईएसएफ का कहना है कि हवाईअड्डों पर सुरक्षा बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए समय-समय पर इस तरह की मॉक ड्रिल जारी रहेंगी।
इन अभ्यासों से न केवल एजेंसियों की क्षमताएं बढ़ती हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि किसी वास्तविक खतरे की स्थिति में एयरपोर्ट पूरी तरह से सुरक्षित और संगठित प्रतिक्रिया देने में सक्षम रहे।
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