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क्या पहलवानों की यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई इंसाफ तक आई ? जानिए पहलवानों के संघर्ष की शूरुआत से लेकर अंत तक पूरी कहानी

by | Dec 24, 2023 | खेल, बड़ी खबर, मुख्य खबरें, राजनीति

ऐसी इंसाफ की लड़ाई, जिसे अब तक लड़ रहे है खिलाडी पहलवान, आखिर कब, क्यों और कैसे शुरू हुआ ये मामल आइये बताते है। इस साल जनवरी में पूर्व भारतीय कुश्ती संघ  (WFI)  बृजभूषण सिंह के खिलाफ भारतीय पहलवानों ने मोर्चा खोला था।

पहली बार धरने पर बैठे पहलवान

ओलंपिक गेम्स पदक विजेता से लेकर कॉमनवेल्श गेम्स के खिलाड़ी तक 18 जवनरी के दिन पहली बार दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। WFI में इन खिलाड़ी पहलवानों ने कई अनियमितताओं से पर्दा उठाया था। सबसे अहम मामला तो ये था कि WFI के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे।

खेल मंत्रालय द्वारा इस मामले पर आश्वासन मिलने के पश्चात 21 जनवरी के दिन धरने को खत्म कर दिया था। परन्तु इसके बाद भी भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया गया। भारतीय कुश्ती संघ बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों की जांच करने के लिए एक समिति बनाई गई एवं कुश्ती अध्यक्ष का कामकाज भी समिति को सौंप दिया गया था। कुश्ती संघ के कामकाज से बृजभूषण सिंह को दूर रहने के लिए कहा गया। इंसाफ की इस लड़ाई में जब निराशा नजर आने लगी तब खिलाडी पहलवानों को सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का ही नजर आया। अंत में उन्हें यही करना पड़ा।

23 अप्रैल को दूसरी बार धरने पर बैठे

भारतीय खिलाडी पहलवानों ने इंसाफ की इस लड़ाई को एक फिर से शुरू किया। बता दें कि दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में 21 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिहं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई परन्तु पुलिस ने यहां पर कोई FIR दर्ज नहीं की। दूसरी बार 23 अप्रैल को पहलवान धरने पर बैठ गए। लेकिन कुश्ती संघ पर कोई करवाई न होने की वजह से वह उन्हें धरने पर  बैठने के लिए मजबूर हो गए। धीरे -धीरे इसमें राजनीतिक पार्टियां भी शामिल होती गई।

पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

इसके बाद सोमवार (24 अप्रैल) को पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश की मांग की।

 नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार (28 अप्रैल) को बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की। पहली एफआईआर कनॉट प्लेस पुलिस थाने में नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज की गई थी, बता दें कि जिसमें यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो एक्ट) भी लगाया गया था।

वही दूसरी एफआईआर बालिग पहलवानों की शिकायत पर दर्ज की गई थी। दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिस मामले में दिल्ली पुलिस ने बताया था कि यौन उत्पीड़न के मामले में जल्द ही एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी। 

बृजभूषण सिंह ने कही ये बात

पॉक्सो एक्ट के तहत मामला तो दर्ज हो गया परन्तु बृजभूषण सिंह को हिरासत में नहीं लिया गया। उनका कहना था कि अगर वह दोषी साबित होते है तब वह खुद को फांसी पर चढ़ा देंगे। ये ही नहीं उन्होंने महिला पहलवानों को शूर्पणखा तक कह दिया था। साथ ही ये भी बोलै की जो भी खिलाडी पहलवान प्रदर्शन कर रहे है वह मेडल जीतने लायक नहीं रह गए हैं।

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दिल्ली पुलिस ने खिलाडी पहलवानों को किया परेशान

बता दें कि एफआईआर दर्ज करने के पश्चात दिल्ली पुलिस ने खिलाडी पहलवानों को परेशान करना शुरू किया था। प्रदर्शन के दौरान वह की बिजली की आपूर्ति को रोक दिया गया था। वही प्रदर्शन स्थल पर बाहरी लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई थी। पानी की सुविधा भी बाधित की गई। कई बार पुलिस एवं पहलवानों के बीच हुई हाथापाई के दौरान कुछ पहलवानों को चोट भी आई।

पहलवान विरोध प्रदर्शन करने के लिए 28 मई के दिन नए संसद भवन की ओर जा रहे थे। जब पहलवानों को पुलिस ने रोका तो उनकी हाथापाई हो गई। तब  सभी पहलवानों एवं उनके समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके पश्चात पहलवानों का जंतर-मंतर से सामान हटा दिया गया। सभी महिला पहलवान को शाम तक और पुरुष पहलवानों को रात तक छोड़ दिया गया।

इसके बाद पहलवानों को जंतर-मंतर में बैठने की फिर से अनुमति नहीं मिली, परन्तु उनका विरोध प्रदर्शन रुका नहीं जारी रहा। तभी सामने आया कि  महिला पहलवानों को गलत तरीके से छूने और यौन शोषण के कई आरोप बृजभूषण पर लगे हैं। इस बीच  4 जून को पहलवानों के साथ गृहमंत्री अमित शाह ने बातचीत की।

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5 जून को पहलवानों ने जॉइन की नौकरी

उसके बाद  सभी बड़े पहलवानों ने 5 जून को अपनी सरकारी नौकरी जॉइन कर ली। तब साक्षी मलिक का कहना था कि वह प्रदर्शन से पीछे नहीं हट रही है, वह अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही हैं। उनकी इंसाफ के लिए लड़ाई जारी है।

15 जून को अदालत में चार्जशीट पेश नहीं मिले सबूत

दिल्ली पुलिस ने 15 जून को अदालत में अपनी चार्जशीट पेश की। वही नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुई एफआईआर वापस हो गई थी। इसके अलावा बृजभूषण के खिलाफ 6 महिला पहलवानों के आरोप पर भी कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे। ऐसे में बृजभूषण सिंह को क्लीन चिट मिलने का रास्ता साफ था।

साक्षी मालिक 21 दिसम्बर को कुश्ती से लिया सन्यास

एक बार फिर से इस मामले ने उबाल तब लिया जब कोर्ट की देख रेख में भारतीय कुश्ती संघ चुनाव सम्पन्न हुए और इसमें विजेता बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह इस पद पर विराजमान हुए। जैसे ही संजय  सिंह ने अपना पद संभाला तभी साक्षी मालिक ने कुश्ती से सन्यास लेने का फैसला कर लिया और उन्होंने ये घोषणा भी कर दी कि वह अब इसका हिस्सा नहीं रह सकती।

नए अध्यक्ष संजय सिंह हुए निलंबित

इसके बाद आज दिन 24 दिसम्बर को नए अध्यक्ष संजय सिंह को सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया है।  

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