Sheikh Hasina verdict: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री आसदुज्जमान खान कमाल को फांसी की सजा सुनाई गई है। ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने दोनों को मानवता के खिलाफ गंभीर अपराधों का दोषी माना है।
ट्रिब्यूनल का कहना है कि अगस्त 2024 में हुए छात्र आंदोलन के दौरान हुई कई हत्याओं के पीछे हसीना और कमाल का हाथ था। तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत आ गई थीं और पिछले 15 महीनों से यहीं रह रही थीं।
देशभर में हिंसा और हाई अलर्ट
इस फैसले के बाद बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण बन गए हैं।
• पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।
• सरकार ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
• सिर्फ ढाका में ही 15,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
• पुलिस को हिंसक भीड़ पर गोली चलाने तक का आदेश दिया गया है।
शनिवार रात से रविवार सुबह तक ढाका में दो बसों को आग के हवाले कर दिया गया। माना जा रहा है कि फैसले के बाद हिंसा और बढ़ सकती है, इसलिए पूरे देश में सुरक्षा और कड़ी की जा रही है।
हसीना और कमाल की सभी संपत्ति जब्त करने का आदेश
कोर्ट ने साफ कहा है कि हसीना ने हिंसा रोकने के बजाय उसे बढ़ावा दिया। उन्हें हत्या के लिए उकसाने, आदेश देने और साजिश रचने में दोषी पाया गया है। इसके साथ ही दोनों नेताओं की बांग्लादेश में मौजूद सभी संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया गया है।
• कोर्ट ने शेख हसीना और कमाल की बांग्लादेश में मौजूद सारी संपत्ति जब्त करने का भी निर्देश दिया है।
• यह कदम इसलिए है क्योंकि उन्हें “हत्या उकसाने और हत्या के आदेश देने” में दोषी ठहराया गया है।
उन पर लगाए गए 5 प्रमुख आरोप
- हत्या और यातना: आरोप है कि हसीना ने पुलिस और अवामी लीग से जुड़े हथियारबंद लोगों को आम नागरिकों पर हमला करने के लिए उकसाया, और हिंसा को बढ़ाने में उनका रोल था।
- हथियारों का उपयोग: कहा गया है कि उन्होंने छात्र प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए घातक हथियारों, हेलिकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल करने का आदेश दिया।
- छात्र की हत्या: 16 जुलाई को बेगम रौकेया यूनिवर्सिटी के छात्र अबू सैयद की हत्या के पीछे उनकी साजिश और आदेश देने का आरोप है।
- समूह हत्या: 5 अगस्त को ढाका के चांखारपुल इलाके में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या की गई आरोप है कि यह सब उनके सीधे आदेश, मदद और साजिश से हुआ।
- गोलीबारी और जलाने का आरोप: आरोप है कि पाँच प्रदर्शनकारियों को गोली मारकर मारा गया, उनकी लाशें जलाई गईं और एक प्रदर्शनकारी को जिंदा जलाने तक की बात कही गई है।
पूर्व IGP की सफाई
• बांग्लादेश के पूर्व IGP (इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) ममून ने कोर्ट में माफी मांगी है।
• उन्होंने स्वीकार किया कि हिंसा में उनका हाथ था और उन्होंने जुर्म में शामिल होने की बात कही है।
• ममून का कहना है कि उनकी 36 साल की सेवा में आमतौर पर उनका रिकॉर्ड साफ था, लेकिन इस मामले ने उनकी छवि को बहुत नुकसान पहुंचाया है।
• कोर्ट ने उनकी दलील सुनकर फैसला किया है कि सजा कम हो सकती है, लेकिन अभी तक तय नहीं हुआ है कि उन्हें क्या सजा मिलेगी।
शेख हसीना का रुख और उनकी सुरक्षा
• शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने मीडिया से कहा है कि उन्हें पहले से आशंका थी कि उनकी मां को मौत की सजा हो सकती है।
• उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मां भारत में सुरक्षित हैं और “भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उन्हें पूरी तरह सुरक्षा देंगी।”
• वाजेद ने यह भी बताया कि उनकी मां पाँच बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं और बांग्लादेश में उनकी बहुत बड़ी राजनीतिक पकड़ है इसलिए यह फैसला आसान नहीं लिया जाएगा।
तीनों आरोपी अभी कहां हैं?
• इस मामले में तीन आरोपी हैं: शेख हसीना, आसदुज्जमान खान कमाल, और पूर्व IGP चौधरी अब्दुल्ला अल-ममून।
• हसीना और कमाल दोनों फरार हैं और बताया जा रहा है कि वे भारत में रहते हैं।
• तीसरे आरोपी, ममून, अब गवाह बन चुके हैं और उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे के हिस्से में कोर्ट ने उनकी दलील सुनी है।
यह भी देखें: Bihar Election Result 2025: शुरुआती रूझानों में NDA ने पार किया बहुमत का आंकड़ा!


