इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। आपको बता दें कि पीसीबी के कमरा नंबर 68 में बुधवार शाम अप्रत्याशित विस्फोट हुआ। विस्फोट के परिणामस्वरूप राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व छात्र प्रभात यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। एक की हथेली विस्फोट में क्षतिग्रस्त हो गई थी। अन्य छात्र प्रत्यूष भी घायल हो गया था, लेकिन वह पकड़ से बाहर है। जिस कमरे में प्रभात और प्रत्यूष रह रहे थे। वह अन्य छात्रों के नाम पर पंजीकृत था। घटना के संबंध में पुलिस ने दोनों व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर सुजीत कुमार ने प्रभात और प्रत्यूष के खिलाफ पुलिस को लिखित शिकायत दी है। फिलहाल प्रभात यादव का इलाज स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में चल रहा है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस को संदेह है कि बम बनाते समय यह विस्फोट हुआ है।
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रिपोर्ट्स से पता चला है कि बुधवार को पीसी बनर्जी और हॉलैंड हॉल हॉस्टल में छात्रों के बीच झड़प हुई थी। पता चला कि कुछ छात्र जवाबी कार्रवाई के लिए अपने कमरे में बम तैयार कर रहे थे। शाम करीब 5:10 बजे कमरे में जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे प्रभात यादव घायल हो गये। विस्फोट से उनके हाथ, चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों को गंभीर क्षति हुई। विस्फोट में प्रत्यूष भी घायल हो गया था। लेकिन घटना के बाद से वह सामने नहीं आया है।
इलाहाबाद पुलिस बल पर कड़ी कार्रवाई
प्रभात और प्रत्यूष कथित तौर पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी हॉस्टल के कमरे में बम बना रहे थे। जिससे सवाल ये उठता है कि प्रभात जो पीसीबी हॉस्टल का निवासी नहीं है, कमरा नंबर 68 में कैसे पहुंच गया। पुलिस बम बनाने के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री की उत्पत्ति की जांच कर रही है।
पीसीबी चीफ प्रॉक्टर डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि पुलिस कमिश्नर को चार बार पत्र भेजकर छापेमारी करने और हॉस्टलों से अनधिकृत कब्जाधारियों को हटाने के लिए पुलिस बल की मांग करने के बावजूद उन्हें आवश्यक सहयोग नहीं मिला है। डॉ. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रावासों से अवैध निवासियों को बाहर निकालने के लिए पुलिस बल उपलब्ध होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के पहुंचने से पहले ही सबूत मिटाने की कोशिश की गई, क्योंकि कमरे को अच्छी तरह से साफ कर दिया गया था। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण सहित फोरेंसिक जांच, विस्फोट से पहले की घटनाओं के अनुक्रम को समझने में महत्वपूर्ण होगी। इस घटना ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावासों में सुरक्षा और अनधिकृत निवासियों की व्यापकता को लेकर चिंता बढ़ा दी है। चीफ प्रॉक्टर ने इन मुद्दों के समाधान और परिसर में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस सहयोग की आवश्यकता दोहराई है।