Anurag Dubey : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है, और यह फटकार उस माफिया अनुराग दुबे पर आई है, जिस पर तीन जिलों में कुल 28 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें गैंगस्टर, गुंडा एक्ट, जानलेवा हमले और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं। बुधवार को पुलिस ने अनुराग दुबे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके आवास पर धारा 82 के तहत कुर्की नोटिस चस्पा किया। यह कदम इस बात का संकेत है कि पुलिस अब भी उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है, लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं चल सका है।
हालांकि, इस बीच अनुराग दुबे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, और कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस को सख्त चेतावनी दी। सुप्रीम कोर्ट का यह रुख पुलिस विभाग में हड़कंप मचाने वाला था, क्योंकि यह संदेश था कि राज्य पुलिस की कार्रवाई में कोई कमी हो सकती है।
28 मुकदमों के तहत हो चुकी है कार्रवाई
अनुराग दुबे पर फर्रुखाबाद, कन्नौज और मैनपुरी के विभिन्न थानों में कुल 28 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें गैंगस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट जैसे गंभीर मामले भी शामिल हैं। दुबे पर पहले इनाम भी घोषित किया गया था, लेकिन कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर स्टे (रोक) लगा दिया था। इसके बाद पुलिस ने फिर से उसे पकड़ने के लिए दबाव बनाया, लेकिन उसकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है।
जानलेवा हमले के मुकदमे में जेल गया था अनुराग दुबे
अनुराग दुबे उर्फ डब्बन पर एक जानलेवा हमले का मुकदमा भी दर्ज है, जिसमें वह जेल भी जा चुका है। 24 सितंबर 2021 को पुलिस की एक टीम ने उसे अयोध्या से गिरफ्तार किया था। मेडिकल परीक्षण के बाद उसे जेल भेज दिया गया था, लेकिन बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया। इसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
अनुपम के जेल जाने के बाद बढ़े मुकदमे
जब 13 जुलाई 2021 को शमीम हत्याकांड में जीआरपी की टीम फतेहगढ़ स्थित अनुपम के आवास पर कुर्की करने के लिए पहुंची, तो अनुपम ने आत्मसमर्पण कर दिया था। उसे जेल भेज दिया गया। अनुपम के जेल जाने के बाद उसकी पैरवी उसका छोटा भाई अनुराग दुबे (डब्बन) करता था, और अनुपम के जेल जाने के बाद डब्बन पर और भी कई मुकदमे दर्ज हुए।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग दुबे के मामले में सुनवाई की, और यूपी पुलिस की कार्रवाई को लेकर कड़ी फटकार लगाई। पुलिस प्रशासन अब दुबे की गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहा है, लेकिन अब तक उसे पकड़ने में कोई सफलता नहीं मिल पाई है। ऐसे में यह मामला अब राज्य सरकार और पुलिस विभाग के लिए चुनौती बन चुका है।