Ayodhya : रामलला के भव्य मंदिर की प्रतिष्ठा के बाद अब मस्जिद निर्माण की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद के निर्माण के लिए, जिसमें इस्लामी सिद्धांतों पर आधारित पांच मीनारें होंगी, ज़मज़म कुएं के पवित्र जल और इत्र के साथ-साथ मक्का और मदीना से पवित्र ईंटें लाई गई हैं। पवित्र ईंटें मुंबई पहुंच चुकी हैं और अप्रैल में अयोध्या (Ayodhya) पहुंचने की उम्मीद है। ईंटों पर हर तरफ सोने से पवित्र कुरान की आयतें और इस्लाम के पैगंबर का नाम अंकित है। इन ईंटों का इस्तेमाल मस्जिद की नींव रखने के दौरान किया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मुस्लिम समुदाय को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर सोहावल के धन्नीपुर में पांच एकड़ जमीन भी आवंटित की थी। अब इस जमीन पर करीब 40,000 वर्ग फुट क्षेत्रफल में एक भव्य मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। मस्जिद का निर्माण मई में शुरू होने की उम्मीद है। मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद निर्माण में देरी डिजाइन में बदलाव के कारण हुई। मस्जिद के डिजाइन को मार्च तक अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
हमें उम्मीद है कि मई में काम शुरू हो जायेगा। यह एक ऐसी मस्जिद होगी जो अल्लाह की इबादत और लोगों की भलाई दोनों का काम करेगी। मस्जिद ट्रस्ट की बैठक 29 फरवरी को मुंबई में होगी। बैठक में ट्रस्ट और निर्माण समिति के पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में मस्जिद निर्माण के लिए धन जुटाने की योजना की भी रूपरेखा तैयार की जाएगी। बैठक के दौरान आधिकारिक दान के लिए बैंक खातों और क्यूआर कोड का विवरण प्रदान किया जाएगा।