Ayodhya : रामनगरी अयोध्या श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए देश में पहली पसंद बनती जा रही है और लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। राम मंदिर की सालाना आय के मामले में यह देश का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर बन चुका है। रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक अयोध्या में 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक आ चुके हैं। मंदिर की वार्षिक आय 700 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जिससे इसने स्वर्ण मंदिर, वैष्णो देवी और शिरडी साईं मंदिर को पीछे छोड़ दिया है।
ये आंकड़े जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच के हैं, जिसमें अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। लगातार बढ़ती संख्या के चलते दान के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। महाकुंभ में स्नान के बाद लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं और प्रतिदिन चार लाख से अधिक भक्त राम मंदिर में दर्शन-पूजन कर रहे हैं। मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के अनुसार, ट्रस्ट के 10 दान काउंटरों पर रोजाना 10 लाख रुपये से अधिक का दान चढ़ रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक, महाकुंभ के दौरान एक माह में लगभग 15 करोड़ रुपये से अधिक का दान प्राप्त हुआ है। इसमें मंदिर में रखे गए छह दानपात्रों में चढ़ाई गई धनराशि भी शामिल है। महाकुंभ के समापन के बाद भक्तों की भीड़ अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे तीर्थ स्थलों की ओर बढ़ रही है, जिससे चढ़ावे में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं।
देश के प्रमुख मंदिरों की सालाना आय में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश 1500 से 1650 करोड़ रुपये, पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल 750 से 800 करोड़ रुपये, स्वर्ण मंदिर, पंजाब 650 करोड़ रुपये, वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू-कश्मीर 600 करोड़ रुपये, शिरडी साईं मंदिर, महाराष्ट्र 500 करोड़ रुपये, जगन्नाथ मंदिर, पुरी 400 करोड़ रुपये, अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली 200 से 250 करोड़ रुपये और सोमनाथ मंदिर, गुजरात 150 से 200 करोड़ रुपये की वार्षिक कमाई के साथ शामिल हैं।