Bangladesh Violence : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा की घटनाओं के बीच इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। इस मुद्दे पर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बांग्लादेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। हमारी सरकार उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है लेकिन अगर वे नहीं मानते, तो हम अपने तरीके से उन्हें समझाएंगे। साथ ही उन्होंने हिंदू एकता का आह्वान किया और अयोध्या में रामलला से सभी हिंदुओं को एकजुट करने की प्रार्थना करने की बात कही।
बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हिंदू समुदाय के लोगों को लगातार निशाना (Bangladesh Violence) बनाया जा रहा है। हमले और उत्पीड़न की घटनाएं आम हो गई हैं और मंदिरों व देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है। इन्हीं घटनाओं के बीच इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जिसके कारण हालात और तनावपूर्ण हो गए। इस गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग प्रदर्शन करने उतरे।
प्रदर्शनों के दौरान बीएनपी और जमात से जुड़े लोगों ने हिंदुओं पर हमले किए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। दोनों पक्षों में झड़पें हुईं, जिनमें 50 से अधिक हिंदू घायल हो गए। इन घटनाओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। हिंसा और बढ़ते तनाव के बीच बांग्लादेश सरकार के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं।
भारत सरकार ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार पर चिंता जताई है। भारतीय सरकार हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है और वहां की सरकार को स्थिति संभालने के लिए कदम उठाने की सलाह दे रही है। इसके बावजूद, हिंदू धर्मगुरुओं और संगठनों ने बांग्लादेश में हो रहे इन घटनाक्रमों को लेकर कड़ा रुख अपनाने की मांग की है।