Chitrakoot News: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कांवड़ यात्रा के दौरान एक मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। बाइक सवार एक युवक और कांवड़ियों के बीच हुई कहासुनी के बाद कांवड़ियों के एक समूह ने युवक की बेरहमी से पिटाई कर दी। यह घटना सीतापुर चौकी क्षेत्र के पवन चौराहे के पास कपसेठी की बताई जा रही है।
CCTV में कैद हुई घटना
घटना का पूरा वीडियो वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक बाइक सवार युवक को पहले एक कांवड़िया रोकता है, जिससे युवक गिर जाता है। इसके बाद दोनों में झड़प शुरू हो जाती है। देखते ही देखते कांवड़ियों का पूरा जत्था वहां आ जाता है और सभी मिलकर युवक की लात-घूंसे से पिटाई करने लगते हैं।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, बाइक सवार युवक किसी जरूरी काम से रास्ते से गुजर रहा था। बताया जा रहा है कि कांवड़ियों के रास्ता न देने पर युवक ने कोई टिप्पणी कर दी थी। इसी बात को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि कांवड़ियों ने युवक को घेर लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी।
तमाशबीन बनी रही भीड़
वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि घटनास्थल पर मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे। किसी ने युवक को बचाने की कोशिश नहीं की। कई लोग हिंसा होते देख मौके से दूर चले गए, लेकिन किसी ने भी बीच-बचाव नहीं किया, जो समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है।
पुलिस जांच में जुटी, CCTV फुटेज से पहचान
घटना की सूचना मिलते ही सीतापुर चौकी पुलिस हरकत में आ गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। CCTV फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
सवालों के घेरे में कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था
हर साल सावन के महीने में हजारों की संख्या में श्रद्धालु कांवड़ यात्रा में शामिल होते हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमेशा सतर्कता बरती जाती है, लेकिन इस तरह की घटनाएं प्रशासन की तैयारियों और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं।
आस्था के रास्ते पर संयम जरूरी
कांवड़ यात्रा धार्मिक आस्था और श्रद्धा का प्रतीक मानी जाती है, लेकिन इस आस्था के मार्ग में संयम और शांति बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है। किसी भी उत्तेजनात्मक टिप्पणी या व्यवहार का जवाब हिंसा नहीं हो सकता। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे अवसरों पर निगरानी को और मजबूत करे ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े करती है। धार्मिक यात्राएं सौहार्द और शांति का माध्यम बनें, इसके लिए समाज और प्रशासन दोनों को सजग रहना होगा।
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