MGNREGA Ration Card : उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के पलौला गांव की ग्राम प्रधान, गुले आयशा, जो क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन की सास हैं, हाल के दिनों में गंभीर आरोपों के घेरे में आ गई हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के नाम से जॉब कार्ड बनवाकर मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा किया और मजदूरी हड़पने का काम किया। अब इन आरोपों के बाद गुले आयशा राशन कार्ड मामले में भी फंस चुकी हैं, जिसके चलते प्रशासन ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
मनरेगा में फर्जीवाड़ा
गुले आयशा के खिलाफ यह मामला तब सामने आया जब मनरेगा के तहत उनके परिवार के आठ सदस्य समेत कुल 18 लोगों ने फर्जी तरीके से मजदूरी प्राप्त की। जब यह मामला तूल पकड़ा, तो उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी रिपोर्ट तलब की। अमरोहा की जिलाधिकारी (डीएम) निधि गुप्ता वत्स ने मामले की जांच के आदेश दिए, जिसके बाद परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने इस मामले की जांच शुरू की। जांच के बाद यह सामने आया कि गुले आयशा को कुल 8.68 लाख रुपये विभाग को वापस करना पड़ा था, क्योंकि उन्होंने फर्जी तरीके से मजदूरी के पैसे बैंक खातों में ट्रांसफर किए थे।
बीडीओ और कर्मचारियों पर कार्रवाई
मनरेगा में हुए इस फर्जीवाड़े के मामले में दोषी पाए गए बीडीओ, सचिव और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके अलावा, तीन पंचायत सचिव और एक एपीओ समेत आठ अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। गुले आयशा पर आरोप था कि उन्होंने अपने परिवार के अधिकतर सदस्यों को फर्जी तरीके से मनरेगा मजदूर बना दिया और उनके नाम से लाखों रुपये की मजदूरी हड़प ली। इस फर्जीवाड़े में क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना और उनके जीजा गजनवी भी शामिल हैं।
राशन कार्ड फर्जीवाड़ा
इसके अलावा, गुले आयशा पर एक और गंभीर आरोप लगा है। जानकारी के अनुसार, उन्होंने प्रधान रहते हुए बीपीएल (Below Poverty Line) कार्डधारक के रूप में राशन कार्ड बनवाया है, जिसमें कुल चार यूनिट दर्ज हैं। यह मामला तब सामने आया जब डीएम के पास शिकायत पहुंची और उन्होंने इसकी जांच सीडीओ को सौंप दी। अधिकारी अब यह जांच कर रहे हैं कि गुले आयशा ने राशन कार्ड बनवाकर कितनी खाद्य सामग्री प्राप्त की है।