Imran Masood House Arrest: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक “I Love मोहम्मद” पोस्टर को लेकर शुरू हुए विवाद ने अब सियासी रंग ले लिया है। हालात तनावपूर्ण हैं, और इसी बीच कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और समाजवादी पार्टी के एमएलसी शाहनवाज खान को मंगलवार रात से हाउस अरेस्ट कर दिया गया है।
नेताओं को क्यों रोका गया?
बुधवार को कांग्रेस का एक डेलिगेशन इमरान मसूद की अगुवाई में बरेली जाने वाला था, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए नेताओं को घर से निकलने की इजाजत नहीं दी।
दरअसल, बरेली पहले से ही पोस्टर विवाद के कारण संवेदनशील बना हुआ है। प्रशासन को डर था कि इन नेताओं की मौजूदगी से हालात और बिगड़ सकते हैं। इसलिए रात से ही पुलिस ने उनके घरों को छावनी बना दिया — किसी बाहरी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
“धर्म देखकर कार्रवाई हो रही है” – मसूद
हाउस अरेस्ट पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। उनका कहना है, कि “मेरे खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जा रही है, और ये सब धर्म देखकर किया जा रहा है।”
उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को 2027 के चुनाव का डर है, इसलिए उन्हें जनता से मिलने नहीं दिया जा रहा। मसूद का कहना है कि फतेहपुर में मजार पर जो अराजकता हुई, वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन बरेली में उन्हें और उनके समर्थकों को रोका जा रहा है।
“हम शांति के दूत हैं”
इमरान मसूद ने साफ कहा, कि “हमें बताया जा रहा है कि माहौल खराब है, लेकिन हम तो शांति के दूत हैं, मोहब्बत के प्रहरी हैं। हम तो जाकर हालात समझना चाहते थे, न कि कोई बवाल करना।”
वहीं उन्होंने मुस्लिम समाज से भी अपील की है कि नमाज के बाद प्रदर्शन करने का तरीका ठीक नहीं है। उन्होंने कहा “मस्जिदें इबादत की जगह हैं, न कि हिंसा की”।
पुलिस की अपील शांति सबसे ज़रूरी
पुलिस और प्रशासन का कहना है कि फिलहाल शांति बनाए रखना सबसे ज़रूरी है। किसी भी नेता या संगठन को ऐसा कोई कदम नहीं उठाने दिया जाएगा जिससे माहौल और बिगड़े।
समर्थकों में नाराजगी
नेताओं को हाउस अरेस्ट किए जाने के बाद समर्थकों में गुस्सा है। उनका कहना है कि ये लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और सरकार डर के चलते विपक्ष की आवाज दबा रही है।
क्या है पूरा मामला?
बरेली में एक जगह “I Love मोहम्मद” लिखा हुआ पोस्टर लगाया गया था, जिसे लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ और फिर दंगा जैसी स्थिति बन गई। माहौल पहले से ही तनावपूर्ण है और प्रशासन नहीं चाहता कि कोई और चिंगारी इसमें आग लगाए।
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