Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर शनिवार को पूरा ग्रेटर नोएडा कृष्ण भक्ति में सराबोर हो गया। शहर के विभिन्न मंदिरों में पारंपरिक धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ इस बार आधुनिक तकनीक का भी सुंदर समावेश देखने को मिला। मंदिरों में न केवल भव्य सजावट की गई, बल्कि डिजिटल स्क्रीन पर कृष्णलीला का जीवंत प्रदर्शन भक्तों को एक नई अनुभूति देने वाला रहा।
डिजिटल माध्यम से जीवंत हुईं बाल कान्हा की लीलाएं
इस बार जन्माष्टमी का उत्सव श्रद्धालुओं के लिए खास बन गया, क्योंकि इस्कॉन मंदिरों में पारंपरिक पूजा-अर्चना के साथ-साथ डिजिटल कृष्णलीला का भी आयोजन किया गया। सेक्टर ईटा-1 स्थित इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे और विशाल डिजिटल स्क्रीन पर बाल गोपाल की लीलाओं को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। आधुनिक तकनीक से सजी इन लीलाओं ने भक्तों को गोकुल, वृंदावन और मथुरा की गलियों की सैर कराई।
प्रमुख मंदिरों में हुआ जन्माभिषेक
सेक्टर अल्फा-1, ईटा-1, डेल्टा-2, अल्फा-2 मार्केट और स्वर्णनगरी के प्रमुख मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही। रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्माभिषेक विविध धार्मिक अनुष्ठानों के साथ किया गया। सभी मंदिरों को रंग-बिरंगी रोशनी, फूलों और झूमरों से सजाया गया था।
श्रद्धालुओं के लिए फूलों से बने पालनों की विशेष व्यवस्था की गई थी, जिसमें बाल गोपाल को झूला झुलाने का सौभाग्य भक्तों को प्राप्त हुआ। यह दृश्य बेहद मनोहारी था और श्रद्धालुओं की भक्ति को चरम पर पहुंचा गया।
भजन संध्या में बही भक्ति की गंगा
सेक्टर अल्फा-1 स्थित शिव मंदिर में आयोजित भजन संध्या में प्रसिद्ध भजन गायकों ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वातावरण संगीतमय और भावुक हो उठा, जब “अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम” जैसे भजन गूंजे।
कथा में जीवंत हुआ भगवान का जन्म प्रसंग
बीटा-2 के वैभव लक्ष्मी मंदिर में कथा वाचक नरेंद्र नंदन महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की दिव्य कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कारागार में जन्म लेने के तुरंत बाद देवकी-वसुदेव की बेड़ियां टूट गईं और सभी पहरेदार गहरी नींद में सो गए।
फिर वसुदेव जी ने नवजात श्रीकृष्ण को टोकरी में रखा और गोकुल की ओर चल दिए। तेज बारिश, अंधेरा और बाढ़ जैसी स्थितियों के बीच जब भगवान के चरण यमुना में पड़े तो जल शांत हो गया और रास्ता अपने आप बनता गया। इस दिव्य यात्रा की झांकियों को मंदिर परिसर में प्रस्तुत किया गया, जिन्हें देखकर भक्त भावविभोर हो उठे।