Lok Sabha 2024 : लोकसभा चुनाव (Lok Sabha 2024) के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव ने सियासी गठबंधन कर लिया है। एक महीने के अंदर मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव दूसरी बार यूपी के दौरे पर रहेंगे। वह तीन मार्च को राजधानी लखनऊ पहुंचेंगे। इससे पहले उन्होंने आज़मगढ़ का दौरा किया था और वहां समाजवादी पार्टी के लिए रैली की थी।
3 मार्च 2024 को मोहन यादव यादव महाकुंभ में भाग लेंगे। इस आयोजन के पोस्टर पूरे लखनऊ में लगाए गए हैं। बीजेपी ने यूपी के यादव बहुल लोकसभा क्षेत्रों में यादवों का समर्थन जुटाने की रणनीति बनाई है। यूपी में यादव महाकुंभ का आयोजन कर अखिलेश को राजनीतिक चुनौती देने की तैयारी चल रही है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव जीतने के बाद तीनों ही राज्यों में तीन नए मुख्यमंत्री चेहरों को मौका दिया। भाजपा के इस फैसले ने सभी को चौंकाया था, इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में बीजेपी ने यादव वर्ग से आने वाले मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया था। गौरतलब हो कि प्रदेश में एक यादव चेहरा देकर भाजपा ना केवल यादवों को साधने की कोशिश कर रही है बल्कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी यादव वोट बैंक में भी सेंध लगाना चाहती है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव को बीजेपी ने केवल बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश के भी यादवों को भी साधने का प्रयास कर रही है। चूंकि यूपी और बिहार में एक बड़ा समुदाय है यादवों का जो आमतौर पर यूपी में समाजवादी पार्टी और बिहार में राजद का वोट बैंक माने जाते हैं। इसी वोट बैंक को अब बीजेपी मोहन यादव के माध्यम से साधने की कोशिश कर रही है।
साल 2024 के लोक सभा चुनाव में अब ज्यादा समय बचा नहीं है जिसे देखते हुए भारतीय जनता पार्टी अब चुनावी रणनीति को धरातल पर उतारने में जुट गई है। मोहन यादव के माध्यम से भाजपा यूपी और बिहार के वोट बैंक में किस हद तक सेंधमारी कर पाती है ये तो समय के गर्भ में है।


