Maha Kumbh 2025 : आज महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान है, और इसके साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा। शुक्रवार, 27 फरवरी को प्रयागराज में महाकुंभ समापन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के शामिल होने की संभावना है। इस मौके पर यूपी पुलिस के कार्यों की सराहना करते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ बिना किसी बड़े हादसे के संपन्न हुआ, लेकिन उनकी यह टिप्पणी विपक्ष और कुछ अन्य लोगों के लिए विवाद का कारण बन गई है।
मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ का जिक्र नहीं
डीजीपी प्रशांत कुमार ने महाकुंभ के संचालन को लेकर यूपी पुलिस के प्रयासों की सराहना की और इसे सफल बताया। हालांकि, उन्होंने महाकुंभ में किसी भी बड़े हादसे का जिक्र किया, जबकि मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में भगदड़ मचने के कारण 37 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस घटना का जिक्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में भी किया था और विपक्ष ने इस घटना को लेकर यूपी सरकार पर सवाल उठाए थे।
मौनी अमावस्या पर हुई इस भगदड़ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की जान गई थी, और विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकार ने भारी भीड़ को संभालने के लिए उचित व्यवस्था नहीं की। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने संसद में भी इस घटना को उठाया था और यूपी सरकार की लापरवाही पर सवाल खड़े किए थे।
अखिलेश यादव का आरोप
अखिलेश यादव ने संसद में कहा था, “यूपी सरकार की लापरवाही से यह हादसा हुआ। जब (Maha Kumbh 2025) हादसे में लोगों की मौत हो गई और शव पोस्टमार्टम हाउस में पड़े थे, तो सरकार ने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर पुष्प वर्षा की। यह कैसी सनातनी परंपरा है? इन शवों को जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाकर कहीं फेंक दिया गया। यह सब हादसा छिपाने के लिए किया गया।”
‘कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ’ – डीजीपी
हादसे के 15 दिन बाद यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्वीकार किया था कि प्रशासन की तरफ से एक गलती हुई थी, जिसके कारण भगदड़ मचने की घटना हुई थी। हालांकि अब महाशिवरात्रि के अवसर पर उन्होंने इस मामले को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की और महाकुंभ के आयोजन को सफल बताते हुए कहा कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
‘महाकुंभ बिना किसी बड़े हादसे के संपन्न’ – डीजीपी
महाशिवरात्रि पर डीजीपी ने कहा, “महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) बिना किसी बड़े हादसे के संपन्न हुआ है। हम सभी ने रेलवे के साथ मिलकर काम किया, जिससे भीड़ प्रबंधन और यात्री सुविधाएं बेहतर बनीं। स्नान के दिनों में पांच लाख से अधिक लोग रेलवे की सेवाओं का उपयोग करने आए, जबकि अन्य दिनों में यह संख्या 3-4 लाख रही।” उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और तकनीकी दृष्टिकोण से एक अभूतपूर्व मॉडल प्रस्तुत किया गया है, जिसकी मदद से महाकुंभ का आयोजन सफल रहा।
65 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान
45 दिनों के इस महाकुंभ में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने न केवल प्रयागराज में स्नान किया, बल्कि अयोध्या, वाराणसी और विंध्यवासिनी देवी जैसे धार्मिक स्थलों पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।