Maharajganj News: महराजगंज जिले में “स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान” के तहत आयोजित स्वास्थ्य मेले में रविवार को उस समय हंगामा हो गया जब कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिसवां विधायक प्रेम सागर पटेल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। यह मेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) निचलौल में आयोजित किया गया था और इसका उद्देश्य आम जनता, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है।
मेले में दिखी अव्यवस्था
विधायक पटेल ने मेले का निरीक्षण किया, लेकिन वहां आम जनता की जगह बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद थे। इससे विधायक नाराज हो गए और उन्होंने कार्यक्रम की अव्यवस्था पर सवाल उठाए। विधायक का कहना था कि यह मेला आम जनता के लिए है, लेकिन यहां केवल विभागीय कर्मचारियों की भीड़ है, जिससे असली लाभार्थी वंचित हो रहे हैं।
अधीक्षक पर विधायक का गुस्सा
स्थिति बिगड़ने पर विधायक ने सीएचसी अधीक्षक को मेले की अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान उन्होंने अधीक्षक का मोबाइल फोन भी छीन लिया और डीएम को वीडियो कॉल कर पूरी शिकायत दर्ज कराई। विधायक ने अधीक्षक को निलंबित कराने की धमकी दी। मौके पर मौजूद लोगों ने पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद कर लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो वायरल और अधीक्षक कार्यमुक्त
वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। बढ़ते विवाद को देखते हुए अधीक्षक को कार्यमुक्त कर दिया गया। इस घटनाक्रम ने न केवल जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया है। विधायक ने कहा कि जनता के साथ लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार उनकी प्राथमिकता है।
विधायक की सख्त चेतावनी
विधायक प्रेम सागर पटेल ने कार्यक्रम के दौरान साफ कहा कि इस अभियान का मकसद महिलाओं और परिवारों को स्वास्थ्य जागरूकता देना है। यदि इसमें लापरवाही होगी तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि अभियान की मॉनिटरिंग नियमित रूप से की जाए ताकि आम जनता तक इसका लाभ पहुंचे।
जनता की उम्मीदें और अभियान का महत्व
“स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान” का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और परिवार को मजबूत बनाना है। ऐसे कार्यक्रमों से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ाई जाती है। हालांकि अव्यवस्था और अधिकारियों की लापरवाही से अभियान की छवि धूमिल हो सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन सही ढंग से काम करे तो यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
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