Mau News : उत्तर प्रदेश के मऊ जिला अस्पताल में उस समय बड़ा हंगामा हुआ जब एक डॉक्टर ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद राजीव राय के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया। इस घटना के बाद सांसद, उनके समर्थकों और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) भी मौजूद थे। घटना के बाद सांसद राजीव राय ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के समक्ष डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
बताया जाता है कि टकराव तब शुरू हुआ जब डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी ने सांसद से कहा, “मुझे अपना काम करने दो, अपनी राजनीति बाहर करो।” इस टिप्पणी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिससे अस्पताल में हंगामा मच गया। डॉ. त्रिपाठी पर पहले भी अभद्र और दबंग व्यवहार के आरोप लग चुके हैं। सांसद राजीव राय ने कहा कि डॉक्टर को “खुद इलाज की जरूरत है” और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सीएमएस धनंजय कुमार सिंह ने आश्वासन दिया है कि मामले में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
डॉक्टर ने सांसद राजीव राय से की बदसलूकी
डॉक्टर त्रिपाठी और सांसद राजीव राय के बीच हुई पूरी बहस कैमरे में कैद हो गई और यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। अस्पताल में मौजूद कई मरीजों और उनके तीमारदारों ने भी डॉक्टर पर अहंकारी होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डॉक्टर मरीजों को ठीक से नहीं देखते और उनके साथ अनुचित व्यवहार करते हैं।
सांसद राजीव राय ने कहा कि उन्हें जिला अस्पताल में उचित चिकित्सा सुविधा न मिलने की कई शिकायतें मिल रही थीं। उनके अनुसार, कई मरीजों ने बताया कि डॉक्टर अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। जब सांसद निरीक्षण के लिए अस्पताल पहुंचे तो उनकी मुलाकात डॉ. सौरभ त्रिपाठी से हुई। हालांकि, जब उनसे बात की गई तो डॉक्टर ने कथित तौर पर बदतमीजी से पेश आना शुरू कर दिया।
सांसद राजीव राय ने डॉक्टर को बताया ‘मनोरोगी’
मीडिया से बात करते हुए सांसद राजीव राय ने कहा कि खराब सेवाओं और डॉक्टरों के खाली चैंबर के बारे में कई शिकायतें मिलने के बाद वे अस्पताल आए थे। उन्होंने अस्पताल परिसर में दलालों से भी सामना होने का दावा किया। डॉ. त्रिपाठी के बारे में सांसद ने कहा, “वे डॉक्टर कहलाने लायक नहीं हैं। वे मानसिक रोगी हैं और उन्हें खुद इलाज की जरूरत है। अगर वे मुझसे इस तरह बात कर सकते हैं, तो सोचिए वे मरीजों का किस तरह से इलाज करते होंगे। वे उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।” घटना के दौरान मौजूद सीएमएस ने मामले की जांच कराने का वादा किया है और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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