National Politics : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दिए गए बयान को लेकर विवाद बढ़ गया है। खड़गे ने योगी के गेरुआ वस्त्र और संत समाज पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि कुछ साधु अब राजनेता बनकर समाज में नफरत फैला रहे हैं और लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान साधुओं की परंपरा से नहीं जुड़ते और ऐसा कहना आतंकियों का काम हो सकता है संतों का नहीं।
इसके जवाब में सीएम योगी ने महाराष्ट्र के अचलपुर में एक चुनावी सभा के दौरान कहा कि एक योगी के लिए देश सबसे पहले है। उन्होंने कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि खड़गे जी का गांव कभी निजाम के आधीन था और जब भारत अंग्रेजों के अधीन था कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ मिलकर मौन थी जिसके कारण हिंदुओं को निशाना बनाया गया था।
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योगी ने यह भी आरोप लगाया कि खड़गे जी अपने परिवार के बलिदान को राजनीतिक कारणों से भुला चुके हैं। इस बयानबाजी के बाद भाजपा और संत समाज में खड़गे के बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रियाएं आई हैं। यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इसे कांग्रेस की “पुरानी मानसिकता” बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा समाज को विभाजित करने की कोशिश की है।
उन्होंने कांग्रेस से माफी की मांग की और कांग्रेस के इतिहास की तुलना मुगल आक्रांताओं से की। वहीं, मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी कांग्रेस पर सत्ता पाने के लिए बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया। यह मुद्दा अब राजनीतिक और धार्मिक हलकों में गर्माया हुआ है और दोनों दलों के नेताओं द्वारा तीखे बयान दिए जा रहे हैं।