Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लोक सेवा आयोग (UPPSC) के मुख्यालय के बाहर सोमवार से हजारों प्रतियोगी छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। “वन शिफ्ट, वन एग्जाम” की मांग को लेकर छात्रों का यह प्रदर्शन बीते सोमवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ था, जो अब भी जारी है। बीती रात प्रदर्शनकारी छात्रों ने कैंडल और मोबाइल टॉर्च जलाकर सरकार और आयोग के खिलाफ नारे लगाए। स्थिति को काबू में रखने के लिए आयोग के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल PAC और RAF की तैनाती की गई है, लेकिन छात्रों का प्रदर्शन अब भी जारी है।
अधिकारियों से बातचीत रही विफल
प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और आयोग के सचिव अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने छात्रों से वार्ता कर प्रदर्शन को समाप्त करने का प्रयास किया, लेकिन उनकी यह कोशिश असफल रही। हालात को देखते हुए लोकसेवा आयोग चौकी प्रभारी ने सिविल लाइंस थाने में प्रदर्शन में शामिल अभिषेक शुक्ला और राघवेंद्र के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके साथ ही 10 अन्य प्रदर्शनकारियों की पहचान भी की जा रही है। आरोप है कि इन लोगों ने गेट नंबर 2 पर लगे सरकारी बोर्ड और मोबाइल बैरियर को नुकसान पहुंचाया है।
क्या है विरोध की मुख्य वजह?
दरअसल, यूपी लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाओं को दो दिनों में दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है। छात्रों का मानना है कि इस निर्णय के चलते परीक्षा परिणामों में असमानता होगी और यह उम्मीदवारों के प्रति अन्यायपूर्ण होगा। उनकी मांग है कि परीक्षा “एक दिन, एक शिफ्ट” के आधार पर आयोजित की जाए और नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को खत्म किया जाए। इस विरोध प्रदर्शन को दिल्ली के मुखर्जी नगर और प्रयागराज (Prayagraj News) में भी समर्थन मिल रहा है।
नॉर्मलाइजेशन प्रणाली पर असहमति
नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न शिफ्टों में आयोजित परीक्षा के परिणामों को एक समान मानदंड पर लाया जाता है। आयोग के मुताबिक, किसी एक शिफ्ट में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार के अंक को प्रतिशत के आधार पर मानक स्कोर माना जाएगा। इसके बाद, बाकी उम्मीदवारों के अंकों को उस मानक से विभाजित कर कट-ऑफ निर्धारित किया जाएगा। छात्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया सही नहीं है और उनके प्रदर्शन को सटीक रूप से परिलक्षित नहीं करती।
प्रदर्शन पर सियासी रंग
छात्रों के इस आंदोलन ने राजनीतिक रूप भी ले लिया है। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने छात्रों के समर्थन में बयान जारी किया है, जबकि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “योगी बनाम प्रतियोगी” का माहौल बन गया है। उनका कहना है कि नौकरी का अवसर तब तक नहीं आएगा जब तक भाजपा सरकार सत्ता में है।
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