Samajwadi Party : उत्तर प्रदेश में खासा दबदबा रखने वाली समाजवादी पार्टी का एक बड़ा झटका लगा है, दरअसल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे रवि कुमार वर्मा ने सपा से इस्तीफ़ा दे दिया है। पिछले 50 वर्षों से लखीमपुर खीरी में एक प्रमुख व्यक्ति रहे रवि प्रकाश वर्मा ने समाजवादी पार्टी को अलविदा कह दिया है। उनका इस्तीफा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है खासकर 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए। गौरतलब है कि वर्मा परिवार का दशकों से लखीमपुर खीरी के राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव रहा है। रवि प्रकाश वर्मा कांग्रेस नेता बालगोविंद वर्मा के बेटे हैं। उनके पिता ने 1962 से 1971 तक कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा में लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1980 में इंडियन नेशनल कांग्रेस (इंदिरा) के उम्मीदवार के रूप में एक बार फिर सीट जीतकर सफल वापसी की।
वर्मा परिवार का रहा है लखीमपुर में दबदबा
रवि प्रकाश वर्मा की पत्नी उषा वर्मा ने भी तीन बार लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। उनके बेटे रवि प्रकाश वर्मा ने 1998, 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता और संसद पहुंचे। 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर रवि प्रकाश वर्मा की बेटी पर भरोसा जताया। हालांकि, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहीं पूर्वी वर्मा को लखीमपुर सीट पर हार का सामना करना पड़ा।
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बेटी BHभी छोड़ सकती है सपा का साथ
भाजपा उम्मीदवार अजय मिश्रा टेनी विजयी रहे, उन्होंने गठबंधन उम्मीदवार डॉ. पूर्वी वर्मा को हराया, जिन्होंने 367,516 वोटों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए, वर्मा परिवार ने समाजवादी पार्टी से अलग होने का फैसला किया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि रवि प्रकाश वर्मा की बेटी पूर्वी वर्मा भी खुद को पार्टी से अलग करने का फैसला ले सकती हैं। इस फैसले का लखीमपुर खीरी के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।