Sambhal News : रमजान से पहले संभल की शाही जामा मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मस्जिद में रंगाई-पुताई की इजाजत नहीं दी है। अदालत ने कहा कि फिलहाल मस्जिद में केवल सफाई की जाए, रंगाई-पुताई की आवश्यकता नहीं है। एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि एएसआई की निगरानी में मस्जिद की सफाई का कार्य किया जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच जिसमें जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल शामिल थे, मस्जिद कमेटी को एएसआई रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए मंगलवार तक का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। वहीं मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने का विचार कर सकती है। मुस्लिम पक्ष को आज पूरा दिन इसका निर्णय लेने का समय मिलेगा, क्योंकि अगर रात को चांद दिखा तो रमजान की शुरुआत हो जाएगी।
कल भी हुई थी कोर्ट में सुनवाई
इससे पहले भी इस मामले में बुधवार को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने 23 फरवरी को एएसआई को मस्जिद का निरीक्षण करने का आदेश दिया था, ताकि यह पता चल सके कि रंगाई-पुताई की आवश्यकता है या नहीं। इसके बाद कोर्ट ने एएसआई को रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 बजे तक का समय दिया था। एएसआई की तीन सदस्यीय टीम ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि मस्जिद में फिलहाल सफेदी की आवश्यकता नहीं है। इसके आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और रंगाई-पुताई की इजाजत नहीं दी, बल्कि केवल सफाई करने की अनुमति दी।
शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई को लेकर विवाद
शाही जामा मस्जिद कमेटी (Sambhal News) ने मस्जिद की पुताई के लिए एएसआई से अनुमति मांगी थी, लेकिन डीएम ने एएसआई की अनुमति के बिना पुताई करने से मना कर दिया था। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने इस पर याचिका दायर की थी। वहीं इस मस्जिद को लेकर एक और विवाद है, जिसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद नहीं, बल्कि हरि हर मंदिर है। उनका कहना है कि इसे तोड़कर शाही जामा मस्जिद बनाई गई थी।
पिछले दिनों मस्जिद में एएसआई सर्वे को लेकर काफी बवाल मचा था। स्थानीय कोर्ट ने सर्वे की अनुमति दी थी, और पहले दिन का सर्वे सही तरीके से संपन्न हुआ। हालांकि दूसरे दिन के सर्वे को लेकर बवाल मच गया। इस बवाल में चार लोगों की जान चली गई, और कई लोग घायल हो गए थे।