Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाने के आरोप में दो महिला सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर महक और परी को पुलिस ने उनके दो सहयोगियों सहित गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन सभी के खिलाफ असमोली थाना क्षेत्र में आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई लंबे समय से मिल रही स्थानीय शिकायतों के आधार पर की गई।
सोशल मीडिया पर अभद्रता और अश्लीलता का आरोप
पुलिस अधीक्षक कृष्ण बिश्नोई ने बताया कि महक और परी ‘महक परी 143’ नामक इंस्टाग्राम अकाउंट से बार-बार सामाजिक मर्यादाओं को लांघते हुए गाली-गलौज और अश्लीलता से भरे वीडियो अपलोड कर रही थीं। इन वीडियो में न केवल भाषा की अशिष्टता थी, बल्कि इनमें सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों का भी खुला उल्लंघन किया गया था। पुलिस का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों से संभल जैसे संवेदनशील जिले की छवि भी धूमिल हो रही थी।
ग्रामीणों की शिकायतों के बाद कार्रवाई
स्थानीय ग्रामीणों और समाज के लोगों ने बार-बार इन वीडियो को लेकर पुलिस से शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चारों आरोपियों को हिरासत में लिया और आईटी एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप से अश्लील सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण) और आईपीसी की धारा 294B (सार्वजनिक स्थल पर अश्लील कृत्य और शब्दों का प्रयोग) सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश
पुलिस जांच के अनुसार महक और परी जानबूझकर अश्लील और भड़काऊ कंटेंट बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने की कोशिश कर रही थीं ताकि उन्हें सस्ती लोकप्रियता मिल सके। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने अब तक 546 से अधिक वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड किए हैं, जिनमें से ज्यादातर में दोनों महिलाओं को गाली-गलौज करते और अशोभनीय हरकतें करते हुए देखा जा सकता है। हैरानी की बात यह है कि उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर चार लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
पुलिस की सख्त चेतावनी
फिलहाल चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच जारी है। एसपी कृष्ण बिश्नोई ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि समाज में इस तरह की गंदगी फैलाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि सोशल मीडिया पर मिल रही लोकप्रियता की दौड़ में कुछ लोग किस हद तक गिर जाते हैं और समाज को गलत दिशा देने का काम करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि सोशल मीडिया की निगरानी और जवाबदेही को और सख्त किया जाए।
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